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लोन घोटाले में फंसी ABG Shipyard की सहयोगी कंपनी की संपत्ति एक माह में 450 करोड़ से बढ़ कर 3000 करोड़ हो गयी

NewDelhi : खबर है कि एबीजी सीमेंट लिमिटेड की संपत्ति एक माह में 450 करोड़ से बढ़कर 3000 करोड़ हो गयी है. बता दें कि यह कंपनी लोन घोटाले में फंसी एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड की सहयोगी कंपनी है. एबीजी सीमेंट लिमिटेड की संपत्ति एक महीने में करीब छह गुना से भी ज्यादा बढ़ गयी है. लेकिन अब बॉम्बे हाई कोर्ट से जुड़े अधिकारी कंपनी से पैसे वसूलकर देनदारों को मदद करने के लिए इसकी संपत्ति को बेचने की कोशिश कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार एबीजी शिपयार्ड और एबीजी सीमेंट दोनों ही ऋषि अग्रवाल के नेतृत्व वाले एबीजी समूह का हिस्सा है. दोनों कंपनियां ऋणदाताओं को ऋण चुकाने में चूक के बाद कार्रवाई का सामना कर रही है. इसे भी पढ़ें : एयर">https://lagatar.in/air-indias-spunky-pilot-made-successful-landing-of-planes-tearing-off-the-eunic-storm-in-london-they-getting-applause/">एयर

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ईडी ने बिक्री पर आपत्ति जताई

जान लें कि 8 दिसंबर, 2021 को बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक फाइलिंग में कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारी ने अदालत से प्रवर्तन निदेशालय को एबीजी सीमेंट के सूरत स्थित सीमेंट संयंत्र को बेचने की अनुमति देने का निर्देश देने के लिए कहा था, जिसे एजेंसी ने जनवरी 2021 में अटैच किया था. फाइलिंग के समय एजेंसी ने कहा कि उसे एक खरीदार मिला है जो इस संयंत्र के लिए 450 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए तैयार था, लेकिन ईडी ने बिक्री पर आपत्ति जताई क्योंकि कुर्क की गयी संपत्ति का मूल्य 952 करोड़ रुपये था. ईडी ने 22 दिसंबर, 2021 को हाईकोर्ट से इतनी कम कीमत पर बिक्री की अनुमति नहीं देने को कहा था. इसे भी पढ़ें :  IOC">https://lagatar.in/ioc-session-2023-in-india-india-to-host-olympic-committee-session-pm-modi-expressed-happiness/">IOC

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3,000 करोड़ रुपये में उसी संपत्ति के लिए एक और खरीदार मिला  

एक महीने बाद जनवरी 2021 में एजेंसी ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसे 3,000 करोड़ रुपये में उसी संपत्ति के लिए एक और खरीदार मिला है, जो एजेंसी के शुरुआती प्रस्ताव से छह गुना अधिक था और अदालत ने उच्च न्यायालय के माध्यम से संपत्ति बेचने के लिए ईडी की अनुमति  मांगी थी. जबकि ईडी ने उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि यदि वे एफडीआर वाले ब्याज में ईडी के पक्ष में कुर्की का मूल्य (952 करोड़ रुपये) अलग रख सकते हैं तो वह बिक्री में बाधा नहीं डालेगा.हालांकि ईडी कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिकारी के साथ मिलकर संपत्ति में अचानक हुई वृद्धि की जांच कर सकता है. इसे भी पढ़ें :  वोट">https://lagatar.in/if-you-dont-vote-than-yogi-has-ordered-bulldozers-fir-against-bjp-mla-t-raja-in-hyderabad-for-his-statement/">वोट

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नया खरीदार कौन है, इस मसले की जांच ईडी करेगा

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह आश्चर्यजनक है कि एक महीने के भीतर संपत्ति का मूल्यांकन 450 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये हो गया. नया खरीदार कौन है और अचानक वृद्धि क्यों हुई है इस मसले की जांच ईडी करेगा. वीपी काटकर वर्तमान में बॉम्बे हाईकोर्ट से जुड़े अधिकारी है जो एबीजी कंपनी से जुड़ी संपत्तियों के मामले को देख रहे हैं हैं. काटकर के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने ईडी द्वारा दायर हलफनामे को देखा है और हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि इस तरह के मूल्यांकन पर कैसे चर्चा की गयी. जब मूल्यांकन रिपोर्ट को सीलबंद कवर में रखा गया  और केवल उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को ही इसकी जानकारी है. यह रिपोर्ट ईवाई द्वारा तैयार की गई है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस मुद्दे पर और टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि यह मामला विचाराधीन है.   [wpse_comments_template]

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