Abhilasha Shahdeo
LagatarDesk : रिजर्व बैंक ने बुधवार को अचानक रेपो रेट और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) बढ़ाने का ऐलान किया. आरबीआई ने रेपो रेट को 0.4 फीसदी बढ़ाकर 4.40 फीसदी कर दिया. वहीं कैश रिजर्व रेशियो को 50 बेसिक पांइट बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया. RBI के इस कदम से बैंकिंग सिस्टम से करीब 86,000 करोड़ की लिक्विडिटी चली गयी. आम जनता को होम लोन पर सालाना 15-20 हजार का झटका लगेगा.
रिजर्व बैंक खुद कह रही और बढ़ेगी महंगाई
आईबीआई का कहना है कि इन उपायों से मार्केट में कैश फ्लो घटेगा. जिससे लोग बैंकों के पास ज्यादा पैसा आयेगा. दूसरी तरफ लोन महंगा होने से डिमांड घटेगी, इससे चीजें सस्ती होंगी. दूसरी ओर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास खुद कह रहे हैं कि आने वाले समय में और महंगाई बढ़ेगी. खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छुएंगे. खाद्य तेल महंगा होगा.
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आम आदमी को महंगाई से छुटकारा मिलना मुश्किल
बता दें कि देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है. माल ढुलाई और ट्रांसपोर्टेंशन महंगा हो गया है. ऐसे में आरबीआई के उपायों से आम आदमी को महंगाई से छुटकारा मिलता नहीं दिख रहा है. उल्टा लोगों को अब बैंकों को ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.
आम जनता को लोन लेना भी आफत
गौरतलब है कि रेपो रेट बढ़ाने से लोन पर इंटरेस्ट बढ़ेगा. होम लोन, कार लोन और पर्सनल सहित सभी तरह का लोन लेना महंगा हो जायेगा. लोगों को पहले की तुलना में बैंक को ज्यादा ईएमआई चुकाने होंगे. लोन महंगा होने से मीडिल क्लास वाले की मुश्किल बढ़ जायेगी. आम लोग घर, कार, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सहित अन्य चीजों को खरीदने नहीं पायेंगे.
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ब्याज दर में फिर से हो सकती है बढ़ोतरी
बता दें कि आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक फिर से 8 जून होगी. आरबीआई बैठक करके ब्याज दर में फिर से 25-50 बेसिस पाइंट वृद्धि कर सकता है. आगर ऐसा हुआ तो आम जनता की मुश्किलें और बढ़ सकती है. लोगों की जेब पर ईएमआई का बोझ दोगुना हो जायेगा.
खुदरा महंगाई दर आरबीआई के दायरे से बाहर
मालूम हो कि दुनिया भर में महंगाई रॉकेट के स्पीड से बढ़ रही है. रूस-यूक्रेन वार ने महंगाई की आग को और बढ़ा दिया है. रूस और यूक्रेन के बीच महीनों से जारी जंग के कारण सप्लाई चेन प्रभावित हुई है. जिसकी वजह से गेहूं समेत कई अनाजों के दाम बढ़ गये. कच्चे तेल के दाम भी आसमान छू रहे हैं. जिसकी वजह से मार्च में खुदरा महंगाई दर 6.95 फीसदी पर पहुंच गया. यह लगातार तीसरा महीना है जब खुदरा महंगाई दर आरबीआई के दायरे से ऊपर रही है.
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