Vinod Ravidas Lohardaga: कैरो प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित बौद्ध धर्मावलंबियों का मठ आज देख-रेख के अभाव में अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. प्रखंड क्षेत्र में 16वीं शताब्दी में बौद्ध धर्मावलंबियों का आगमन हुआ था. प्रखंड क्षेत्र में लगभग 12 वर्षो तक निवास किया. जहां उनके द्वारा खूंटा तालाब का निर्माण व बाबा मठ का निर्माण किया गया. यहां पर खूटा तालाब ग्रामवासियों के लिए बहुत ही लाभकारी है. ग्रामवासी इस तालाब का पानी कपड़ा धोने, मवेशियों को पानी पिलाने सहित दैनिक कार्य मे उपयोग करते हैं. धरोहर के रूप में प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित मठ आज देखरेख के अभाव में अपना अस्तित्व खोता जा रहा है. बौद्ध धर्मावलबियों का प्रखंड में एक निशानी के रूप में अवस्थित है, जहां दो बार आकाशीय बिजली भी गिरी, परंतु यह मठ इतना मजबूत है की आज भी जस का तस पड़ा है. निवर्तमान प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज कुमार ने इस मठ के विषय पर वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराने का कार्य किया था परंतु आज तक इस पर कोई काम नहीं हुआ. मठ को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के भी कोई ध्यान नहीं है सिर्फ चुनाव के समय इसका जीर्णोद्धार की बात करते हैं. इसे भी पढ़ें - डीसी">https://lagatar.in/dc-rahul-kumar-sinha-held-a-meeting-of-dcc-dlrc-and-loan-deposit-ratio-monitoring-subcommittee/">डीसी
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लोहरदगा: कैरो प्रखंड में बौद्ध मठ का हाल बेहाल

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