- झारखंड में जल जीवन मिशन आधी हकीकत आधा फसाना
- 24,636 करोड़ का प्रोजेक्ट
- 12,218 करोड़ खर्च
- फिर भी 28 लाख घरों में नहीं पहुंचा पानी
Ranchi : झारखंड में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन आधी हकीकत आधा फसाना बनकर रह गई है. इस योजना के तहत 62.54 लाख घरों में नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाना था, लेकिन अब तक राज्य के सिर्फ 34.42 लाख घरों में ही नल से जल पहुंच पाया है. जो कि सिर्फ 55 फीसदी के करीब है. 28.11 लाख घर आज भी इस योजना से वंचित हैं.
2019 में शुरू हुई थी यह योजना
जल जीवन मिशन की योजना 15 अगस्त 2019 को शुरू की गई थी. इस योजना के तहत दिसंबर 2024 तक हर घर में नल के जरिए शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अब इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2028 तक कर दिया गया है.
आधी से ज्यादा राशि खर्च, फिर भी अधूरा काम
जल जीवन मिशन के लिए झारखंड में 24,636 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया था. अब तक 12,218.97 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. फिर भी लक्ष्य का आधा हिस्सा भी पूरा नहीं हो पाया है.
95,535 योजनाएं शुरू, लेकिन नतीजे निराशाजनक
राज्य में अब तक जल जीवन मिशन के तहत 95,535 योजनाएं शुरू की गई हैं. बावजूद इसके योजनाओं की धीमी रफ्तार और जमीनी हकीकत सवाल खड़े कर रही है.
वित्तीय हिस्सेदारी और फैक्ट फाइल
जल जीवन मिशन का बजट : 24,636 करोड़
केंद्र सरकार : 5,703.28 करोड़
राज्य सरकार : 6,515.19 करोड़
केंद्र से अतिरिक्त मांग : 6,324 करोड़
अब तक खर्च : 12,218.97 करोड़
योजनाएं : 95,535 योजनाएं शुरू
दूसरे राज्यों से पिछड़ रहा झारखंड
उत्तराखंड: 97.63%
बिहार : 95.71%
उत्तर प्रदेश : 90.07%
छत्तीसगढ़ : 81.16%
झारखंड : 55%
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