Lagatar Desk आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने सब पर असर डाला है, लेकिन सबसे अधिक असर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स पर पड़ रहा है. स्थिति यह है कि वह पढ़ते-लिखते नहीं हैं और सवालों का जवाब AI से तैयार करके दे दे रहें हैं. इसे लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं प्रोफेसर Vinay Bharat.
प्रोफेस Vinay">https://www.facebook.com/prof.vinay">Vinay
Bharat ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है- अमूमन ये देखने को मिल रहा है. अपने यूनिवर्सिटी में. बाहर के यूनिवर्सिटी में. लगभग सभी जगह.
AI ने students की जान ले ली है. ईमानदारी से अब वे अपने लिखे को भी पढ़ने की जहमत नहीं उठा रहे. Dissertation / Project जमा करना है. कर दिया!! Copy paste!!
Plaigiarism पीछे छूट गया. अब तो एक sentence भी अपना नहीं है. बिना primary source(s) को पढ़े, dissertation/project submit कर रहे.
फोन ने जान मार दिया है. Patience और
attention, zero level पर है. अव्वल तो खुद से लिख नहीं रहे. और फिर प्रिंट कराये हुए अपने work को पढ़ भी नहीं रहे. ठूंस दे रहे.
प्रश्न पूछो तो - AI वाला मुंह AW जैसा फट के रह जा रहा!! इन सबके बीच जो मर रहा है, वह है - खुद से ईमानदारी.
आखिर आजकल छात्र इतना पहाड़- सा वक्त को काट कैसे रहे हैं? करते क्या हैं इतना बड़ा देह लेकर? कैसे ढोते हैं ये खुद को? सब रहस्य -सा होता जा रहा!!