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कोरोना महामारी भी नहीं बदल सकी दुर्गा पूजा में राजघराने से चली आ रही परंपरा

Chakradharpur : कोरोना जैसी वैश्विक महामारी भी राजघरानों से चली आ रही परंपरा को बदल नहीं सकी. प्रशासन की रोक के बावजूद वर्ष 2020 में भक्तों ने वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वाह किया, सैकड़ों जलती मशालों के साथ आदि शक्ति मां दुर्गा की प्रतिमा को कंधों पर बैठा कर शहर की परिक्रमा करते हुए विसर्जन कराया गया. सिंहभूम में मां दुर्गा की आराधना और पूजा का इतिहास सदियों पुराना है. सबसे आकर्षक और ऐतिहासिक पूजा चक्रधरपुर की पुरानाबस्ती की श्रीश्री आदि पूजा समिति की मूर्ति विसर्जन की परंपरा है. यहां पर करीबन पांच टन की प्रतिमा को 120 लोगों द्वारा कंधों में ढोकर विसर्जन करते हैं. जहां पर प्रतिमा की ऊचांई 10 से 12 फीट रहती है. आदि दुर्गा पूजा समिति का विसर्जन जुलूस अपने आप में अनोखा है, जिसे देखने के लिए दूर दराज के हजारों लोग विजयादशमी में पहुंचते हैं. [caption id="attachment_169555" align="aligncenter" width="300"]
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