New Delhi: भारत ने पोखरण में खुद के बनाए ”आयरन डोम” का सफल परीक्षण किया है. यह चौथी पीढ़ी की कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है. इसे आसमान में भारत का स्वदेशी रक्षक भी कह सकते हैं. तकनीकी भाषा में इसे वेरी शार्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम या वीएसएचओआरएडीएस कहते हैं. आम भाषा में इसे कंधे से दागे जाने वाली विमान भेदी मिसाइल भी कह सकते हैं. देश इजराइल की तर्ज पर अपनी सुरक्षा प्रणाली को बेहद मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है.
क्या-क्या करेगा
अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस रक्षा प्रणाली को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसे आसानी से कहीं भी ले जाया सकता है. इसकी खासियत ये है कि यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों, मानव रहित विमान सहित हेलीकॉप्टर को भी मार गिरा सकता है. इसके अलावा, ये हवाई हमलों से बचाव कर पाने में भी सक्षम है.
कौन सी तकनीक
ये रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और इंटीग्रेटेड एविओनिक्स सिस्टम से लैस है. प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणालियां किसी भी दिशा में मिसाइल को थर्स्ट देने में सक्षम हैं. साथ ही इमेजिंग इंफ्रारेड होमिंग सिस्टम भी लगा है. इस तकनीक से दुश्मन के हवाई हमलों को ट्रैक करने में मदद मिलती है.
स्पीड, वजन सब जानें
इसकी खासियत और बारीकियों की बात करें तो इसका वजन 20.5 किलोग्राम है. लंबाई 6.7 फीट और व्यास 3.5 इंच है. यह अपने साथ 2 किलोग्राम वजन का हथियार ले जा सकता है. इसकी रेंज की बात करें तो ये 250 मीटर से 6 किलोमीटर तक है. रफ्तार है करीब 1800 किलोमीटर प्रति घंटा. यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. ट्रायल के दौरान इस मिसाइल ने अपने लक्ष्यों को पूरा करते हुए टारगेट को नष्ट कर दिया. ग्राउंड बेस्ट मैन पोर्लटेबल लांन्चर से किए गए इस टेस्ट में सेना के अधिकारी भी मौजूद थे. इसके अब तक तीन सफल परीक्षण हो चुके हैं.
बहुत थी जरूरत
इसका निशाना अचूक है. मौजूदा समय में ऐसे एयर डिफेंस सिस्टम की अहमियत काफी बढ़ गई है. बात चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध की करें या फिर इजराइल और हमास जंग की. इन्होंने बता दिया है कि किसी भी देश के लिए एयर डिफेंस सिस्टम के क्या फ़ायदे हैं. इसका फायदा दुश्मन के दांत खट्टे कर देने के लिए काफी है.
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