Ranchi : राजधानी की एकमात्र गैस आधारित विद्युत शवदाह गृह की खराब हुई दोनों मशीनों की मरम्मत हो गयी है. मारवाड़ी सहायक समिति द्वारा संचालित यह मशीन पिछले दिनों खराब हो गई थी. शनिवार देर रात तक मैकेनिक ने मशीन में आई खराबी को दूर किया गया है. अब रविवार को सुबह में ट्रायल के बाद 10 बजे से कोरोना संक्रमित का शव जलाया जाएगा. हालांकि कोरोना संक्रमित मरीजों के ज्यादा मौत की बढ़ती संख्या को आपात स्थिति में नामकुम के घाघरा में भी शव जलाने की तैयारी की गई है.
घाघरा में बढ़ गई है भीड़
इधर, शनिवार को घाघरा श्मशान घाट पर सुबह से ही कोरोना संक्रमित शव जलाने के लिए लोगों की कतार लग गई. देर शाम यहां कुल 54 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. वहीं शनिवार को कुल 102 शव का अंतिम संस्कार किया गया. इसमें घाघरा श्मशान में 54, हरमू मुक्ति धाम में 27, रातू रोड कब्रिस्तान में 9, चुटिया श्मशान में 8, स्वर्णरेखा नामकुम में 2 और कांटाटोली कब्रिस्तान 2 शवों को दफनाने की जानकारी शामिल है.
सफाईकर्मियों को नहीं मिला है मार्च का वेतन
दूसरी ओर कोरोना की दूसरी लहर में जान जोखिम में डालकर शहर को कूड़ा उठाने वाले निगम के सफाईकर्मियों को मार्च माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है. जबकि उन्हें हर माह की 10 से 15 तारीख के बीच वेतन का भुगतान हो जाता है. वेतन नहीं मिलने के कारण सफाईकर्मियों के सामने उधार मांग कर घर चलाने की नौबत आ गई है.
एक सफाईकर्मी ने बताया है कि उनके पास अब पास काम पर आने के लिए ऑटो भाड़ा देने तक पैसे नहीं बचा है. बताया जा रहा है कि स्थाई कर्मचारियों को मार्च माह का वेतन अप्रैल के पहले सप्ताह में ही मिल चुका है, लेकिन रांची नगर निगम को अपने सफाईकर्मियों के वेतन देने में देने में देरी कर रहा है. बता दें कि निगम के पास 2000 से अधिक सफाईकर्मी हैं. इसमें कूड़ा उठाने से लेकर ड्रेन कूली व सड़क पर झाडू देने वाली महिला सफाईकर्मी शामिल हैं.