- शव आने में देरी को लेकर मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा था पत्र
Ranchi : उत्तराखंड के चमोली जनपद में बीते 23 अप्रैल को हुई ग्लेशियर दुर्घटना में झारखंड के 15 श्रमिकों की मौत हो गई थी. बुधवार देर शाम इन सभी श्रमिकों का शव विशेष चार्टर विमान से रांची लाया गया. इस दौरान सरकार की ओर से कृषि मंत्री बादल पत्रलेख वहां मौजूद थे. बता दें कि श्रमिकों की मौत के बाद इनके शव आने में काफी देरी हुई थी, जिसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नाराजगी भी जताई थी.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मंगलवार को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री ने कहा था कि जितनी जल्द हो झारखंड के श्रमिकों का शव उनके पैतृक आवास भेजा जाए. मुख्यमंत्री के लिखे पत्र के दूसरे दिन यानी बुधवार को सभी श्रमिकों का शव झारखंड आ गया है.
मंत्री ने मुआवजे को लेकर न्यायसंगत कार्रवाई का दिया आश्वासन
शव के आने के बाद कृषि मंत्री बादल पत्रलेख देर शाम आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलने उनके आवास गए. बादल ने दुर्घटना में मारे गए 15 मजदूरों के लिए मुआवजे की मांग की. इस पर बन्ना गुप्ता ने न्यायसंगत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. बन्ना ने दुमका, जामताड़ा और देवघर के सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि मंत्री बादल पत्रलेख के निर्देश पर कार्य करें.