Search

सारंडा में सेंक्चुअरी क्षेत्रफल कम करने के मामले में फैसला सुरक्षित

Ranchi:  राज्य सरकार ने सारंडा में 31468.25 हेक्टेयर के बदले 24941 हेक्टेयर को सेंक्चुअरी घोषित करने के अनुरोध किया था. हालांकि Amicus Curiae ने इसका भारी विरोध किया. सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया.

 

इस बीच सात ग्रामसभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रस्तावित सेंक्चुअरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अधिकारों की रक्षा की मांग की गयी. सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया. अब इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए शुक्रवार की तिथि निर्धारित की गई है.

 

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की पीठ में सारंडा को सेंक्चुअरी घोषित करने के मामले पर सुनवाई हुई. Amicus Curiae ने राज्य सरकार की ओर से दायर शपथ पत्र में सेंक्चुअरी का क्षेत्रफल कम करने के अनुरोध का विरोध किया.

 

सरकार ने शपथ पत्र में 31468.25 हेक्टेयर के बदले 24941 हेक्टेयर को सेंक्चुअरी घोषित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था. Amicus Curiae ने इसका विरोध करते हुए कहा कि सरकार बार-बार अपने वायदे से मुकर रही है.

 

पहले 57519.41 हेक्टेयर कोसेंक्चुअरी घोषित करने की प्रक्रिया जारी रहने की बात कही. इसके बाद खनन सहित राज्य के हितों के हवाला देते हुए इसे 31468.25 हेक्टेयर करने का अनुरोध किया. न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार किये जाने के बाद अब 24941 हेक्टेयर को हीसेंक्चुअरी घोषित करने की अनुमति मांग रही है.

 

न्यायालय ने इससे पहले SAIL और वैध लीज़ को प्रभावित नहीं करने की बात कही थी. लेकिन सरकार ने अपने शपथ में 31468.25 हेक्टेयर में पड़ने वाले 126 compartment से कुछ को माइनिंग के नाम पर बाहर करके area कम किया है. सरकार सिर्फ माइनिंग को प्रोटेक्ट करना चाहती है.

 

सरकार पहले खुद ही शपथ पत्र दायर कर यह कह चुकी है कि 126 Compartment में कही भी माइनिंग नहीं हो रहा है. Amicus Curiae ने न्यायालय को एक सूची दिखायी, जिसमें सारंडा क्षेत्र में 22 लीज आवेदनों को स्वीकृति के लिए केंद्र को भेजा है.

 

राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने Amicus Curiae की बातों के विरोध करते हुए कहा कि सरकार माइनिंग इंट्रेस्ट को प्रोटेक्ट नहीं कर रही है. भारत सरकार की Carrying Capacity Report में सारंडा में माइनिंग जोन को चिह्नित किया गया है.

 

इस रिपोर्ट के अनुसार, जोन-1 का खनिज खत्म होने के बाद सरकार जोन-2 में माइनिंग कर सकती है. राज्य सरकार को इस रिपोर्ट से कोई समस्या नहीं है. सरकार की मूल समस्या सारंडा वन क्षेत्र में रहने वाले लगों के अधिकार और वहां स्थापित स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र आदि है.

 

प्रस्तावित 31468.25 हेक्टेयर को सेंक्चुअरी घोषित करने पर वहां रहने वाले लोगों को सेंक्चुअरी क्षेत्र से बाहर निकालना होगा. दूसरी समस्या यह कि सेंक्चुअरी के बाद एक किलोमीटर के दायरे में SAIL के माइनिंग क्षेत्र है.

 

सेंक्चुअरी घोषित होने पर माइनिंग प्रभावित होगा. न्यायालय ने SAIL और वैध लीज़ को प्रोटेक्ट करने का निर्देश दिया है. इसके आलोक में सरकार ने 31468.25 हेक्टेयर के बदले 24941 हेक्टेयर को सेंक्चुअरी घोषित करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है.

 

मामले की सुनवाई के दौरान सात ग्राम सभा की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर करने की जानकारी दी गयी. इसके बाद न्यायालय ने इस मामले पर आगे की सुनवाई के लिए शुक्रवार की तिथि तय की. इस अवधि तक ग्राम सभा का पक्ष रखने वाले वकील को एक नोट बना कर देने का निर्देश दिया गया.

 

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp