Ranchi : अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) द्वारा साइबर अपराधियों पर प्रभावी ढंग से लगाम लगाने के लिए प्रतिबिंब ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन हाल के दिनों में ऐप पर साइबर अपराधों की शिकायतें बढ़ने के कारण ऐप पर डेटा का अप्रत्याशित दबाव बढ़ गया है.
इस वजह इस ऐप के सुचारू रूप से कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो रही है. इस स्थिति को देखते हुए डीजीपी ने सीआईडी के आईजी को प्रतिबिंब ऐप की तकनीकी और परिचालन क्षमता की विस्तृत समीक्षा करने का निर्देश दिया है. साथ ही साइबर अपराध को रोकने के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण तंत्र डायल-1930 की व्यवस्था की भी गहन समीक्षा करने को कहा गया है.
प्रतिबिंब ऐप की तकनीकी और भौतिक संसाधनों की समीक्षा
प्रतिबिंब ऐप के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल फोन, सिम कार्ड, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर जैसे आवश्यक संसाधनों की पर्याप्तता की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है. यदि मौजूदा सर्वर क्षमता, डेटा स्टोरेज, प्रोसेसिंग स्पीड या नेटवर्क बैंडविड्थ बढ़ी हुई शिकायत संख्या और डेटा वॉल्यूम को संभालने में असमर्थ हैं, तो उन्हें अपर्याप्त माना जाएगा.
इन पांच जिलों से साइबर अपराध को दिया जा रहा अंजाम
प्रतिबिंब ऐप से प्राप्त डेटा के अनुसार, राज्य में साइबर अपराधी मुख्य रूप से देवघर, दुमका, जामताड़ा, गिरिडीह और धनबाद जैसे जिलों से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं.
ये जिले साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन और सिम की लोकेशन के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे हैं. डीजीपी ने इन सभी साइबर हॉटस्पॉट जिलों के एसपी के साथ तत्काल ऑनलाइन बैठक आयोजित कर विस्तृत समीक्षा करने को कहा है.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें
 
                 
                                                             
                                         
                                 
                                             
                                         
                                         
    
Leave a Comment