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माइनिंग प्लान से अधिक खनिज निकालने वालों पर DMO ने नहीं लगाया 203 करोड़ का दंड

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  • साहिबगंज, पाकुड़ और धनबाद के 21 लीज धारकों पर मेहरबानी.
  • लीजधारकों ने दो गुणा से अधिक खनिज का उत्खनन किया.
  • खनन पदाधिकारियो के कारण सरकार को 203 करोड़ का नुकसान.

Ranchi: माइनिंग प्लान का उल्लंघन कर खनिज निकालने वालों पर झारखंड के कई जिलों के जिला खनन पदाधिकारी (DMO) मेहरबान है. निर्धारित मात्रा से अधिक खनिज निकालने वालों पर दंड नहीं लगा रहे हैं. महालेखाकार ने ऑडिट के दौरान माइनिंग प्लान में निर्धारित मात्रा से अधिक खनिज निकालने वालों पर 203.36 करोड़ रुपये का दंड नहीं लगाने का उल्लेख किया है.

 

महालेखाकार ने ऑडिट के दौरान साहिबगंज, पाकुड़ और धनबाद के 21 लीज धारकों के लिए स्वीकृत माइनिंग प्लान और उनके द्वारा निकाले गये खनिजों की मात्रा की जांच की. इसमें पाया गया कि लीज धारकों ने माइनिंग प्लान में निर्धारित मात्र से दो गुना खनिज निकाला है.

 

लीज धारकों द्वारा अधिक खनिज निकालने के लिए उन पर नियमानुसार दंड लगाना चाहिए था. लेकिन जिला खनन पदाधिकारियों ने लीज धारकों पर दंड नहीं लगाया. इससे सरकार को 203.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

 

महालेखाकार ने ऑडिट के दौरान जिन 21 मामलों की जांच की, उसमें 20 लीजधारक स्टोन के और एक बालू से संबंधित है. स्टोन के 20 लीजधारक साहिबगंज और पाकुड़ जिले से संबंधित है. बालू के लीजधारक का मामला धनबाद जिले से संबंधित है.

 

इन सभी लीजधारकों ने माइनिंग प्लान में निर्धारत खनिजों की मात्रा से अधिक खनिज निकाला. राज्य में लागू नियम के अनुसार इन लीजधारकों द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक निकाले गये खनिजों के मूल्य के बराबर दंड वसूलने का प्रावधान है.

 

माइनिंग प्लान के मुकाबले निकाले गये खनिज

जिला खनिज लीज धारक की संख्या निकालना था निकाला
साहिबगंज स्टोन 08 13.96 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन 23.23 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन
पाकुड़ स्टोन 12 20.23 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन 43.38 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन
धनबाद बालू 01 3.22 लाख क्यूबिक मीटर बालू 3.43 लाख क्यूबिक मीटर बालू

साहिबगंजः 8 लीज धारकों पर नहीं लगा 23 करोड़ जुर्माना

रिपोर्ट में कहा गया है कि साहिबगंज में स्टोन के आठ लीजधारकों की जांच के दौरान निर्धारित मात्रा से अधिक खनिज निकालने का मामला पकड़ में आया. साहिबगंज के आठ स्टोन लीजधारकों के लिए स्वीकृत माइनिंग प्लान के हिसाब से 13.96 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन निकलने की सीमा निर्धारित थी. लेकिन इन लीजधारकों ने 23.23 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन निकाला. इन लीजधारकों द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक निकाले गये स्टोन पर 58 करोड़ रुपये का दंड लगाना चाहिए था. लेकिन जिला खनन पदाधिकारी ने दंड नहीं लगाया.

 

पाकुड़ः 12 लीजधारकों से नहीं वसूला 144.91 करोड़ जुर्माना

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकुड़ के 12 स्टोन माइंस की जांच में निर्धारित मात्रा से अधिक खनिज निकालने का मामला प्रकाश में आया. इन सभी 12 लीजधारकों के लिए स्वीकृत माइनिंग प्लान में स्टोन निकालने की मात्रा 20.23 लाख क्यूबिक मीटर निर्धारित है. लेकिन इन लीजधारकों ने 43.38 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन निकाला. यानी इन लीजधारकों द्वारा निर्धारित मात्रा से 23.15 लाख क्यूबिक मीटर स्टोन अधिक निकाला गया. इस मामले में लीजधारकों पर 144.91 करोड़ रुपये का दंड लगाना चाहिए था. लेकिन जिला खनन पदाधिकारी ने दंड नहीं लगाया.

 

धनबादः 45 लाख की वसूली नहीं

धनबाद के एक लीज धारक के मामले की जांच की गयी. इसमें पाया गया कि लीजधारक को बालू खनन के लिए लीज दिया गया था. लीजधारक के स्वीकृत माइनिंग प्लान में 3.22 लाख क्यूबिक मीटर बालू निकालने की अनुमति थी. लेकिन लीजधारक ने 3.43 लाख क्यूबिक मीटर बालू निकाला. लीजधारक द्वारा निर्धारित मात्रा से निकाले गये 0.21 लाख क्यूबिक मीटर पर 45 लाख रुपये का दंड लगाना चाहिए था. लेकिन जिला खनन पदाधिकारी ने दंड नहीं लगाया. इससे सरकार को इस मामले में 45 लाख रुपये का नुकसान हुआ.

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