Jamshedpur: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को कूटने की बात कहने वाले डॉ ओपी आनंद अंडर ग्राउंड हो गये हैं. जिला प्रशासन कभी भी उनका 111 सेल लाइफ अस्पताल सील कर सकता है. मंत्री को अपशब्द कहने के बाद डॉ के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद डॉक्टर ने मरीजों को अपने अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया और इलाज करा रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए डीसी को पत्र लिखा था. इस दौरान अस्पताल की लापरवाही से दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई. इससे अस्पताल प्रबंधन की मुसीबत और बढ़ गई.
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डीसी ने जांच टीम से 72 घंटे में मांगी है रिपोर्ट
उधर डीसी ने भी मामले पर संज्ञान लेते हुए एडीसी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम का गठन किया है और 72 घंटों के भीतर अस्पताल प्रबंधन और प्रबंधक के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच कर रिपोर्ट मांगा है. इसी क्रम में शुक्रवार को अस्पताल की कुव्यवस्था के कारण जिन दो लोगों की मौत हुई उनके परिजनों से पूछताछ की गई. परिजनों ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इलाज के नाम पर धन दोहन और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है. दोनों मृतक के परिजनों ने जांच टीम को सभी दस्तावेज भी सौंप दिया है.
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जांच टीम के सामने नहीं आ रहे हैं डॉ ओपी आनंद
पूरे प्रकरण में बीते एक सप्ताह से बदलते घटनाक्रम के बीच अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद विवादों में घिरते चले जा रहे हैं. अस्पताल सूत्रों की अगर माने तो डॉक्टर ओपी आनंद शहर छोड़ने की तैयारी में जुट गए हैं. गुरुवार को भी वे जांच टीम के सामने पेश नहीं हुए थे. अस्पताल प्रबंधन की ओर से उनके वकील से मुलाकात के लिए जाने की बात कही गई. माना जा रहा है कि अस्पताल को प्रशासन सील कर सकता है.
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