Begusarai : बिहार के बेगूसराय जिले के तेघड़ा थाना में पकड़ौआ विवाह का मामला सामने आया है. पीडित परिवार ने थाने में एफआईआर दर्ज करवायी है. पीड़ित पक्ष ने बताया कि उनके बेटे का अपहरण कर पकड़ौआ विवाह शादी का एक वीडियो क्लिप उन्हें मिला है. हालांकि, पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर रही है. पढ़ें – खाड़ी देश Kuwait को खजूर की खेती के लिए चाहिए गाय का गोबर, भारत ने भेजा 192 मीट्रिक टन
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तेघड़ा थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया
मिली जानकारी के मुताबिक एफआईआर तेघड़ा थाना क्षेत्र के पिढ़ौली गांव निवासी सुबोध कुमार झा ने की है. सुबोध कुमार झा ने शिकायत दर्ज करायी है कि उसके बेटे का अपहरण कर जबरन शादी करा दी गई है. सुबोध कुमार झा ने बताया है कि सोमवार की दोपहर उनका बेटा ग्रामीण चिकित्सक सत्यम कुमार मवेशी का इलाज करने के लिए निकला. लेकिन देर रात तक वह घर नहीं लौटा. मंगलवार की सुबह सत्यम की मां के फोन पर एक वीडियो क्लिप आयी. जिसमें सत्यम किसी मंदिर में दुल्हन के कपड़े में एक लड़की के साथ बैठा हुआ है. मंदिर में आस-पास लोगों की भीड़ लगी हुई है. और पंडित मंत्रोच्चारण कर रहा था. जिससे स्पष्ट हो रहा है कि शादी की रस्में निभायी जा रही है. इस वीडियो को देखने के बाद परिवारवालों के होश उड़ गये.
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सत्यम के मिलने के बाद ही पता चलेगा की शादी कैसे और किन परिस्थितियों में हुई
सत्यम के चाचा के मुताबिक हसनपुर गांव के विजय सिंह ने सत्यम का अपहरण कर उसकी जबरन शादी करा दी है. फिलहाल पुलिस लापता डॉक्टर सत्यम कुमार की बरामदगी के लिए छापेमारी कर रही है. सत्यम के मिलने के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकेगा कि उसकी शादी कैसे और किन परिस्थितियों में हुई है.
बता दें कि बिहार में पकड़ौआ विवाह नई बात नहीं है. कई वर्षों से यह प्रथा चलती आ रही है. जिसमें किसी लड़के का अपहरण कर जबरन उसकी किसी लड़की से शादी करवा दी जाती है. जानकार ऐसी घटनाओं के पीछे का कारण युवक के घरवालों की दहेज लोलुपता और लड़की पक्ष के द्वारा दहेज देने में असमर्थता मानते हैं. इसके अलावा वो इसे शिक्षा की कमी से भी जोड़ कर देखते हैं.
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बिहार में दशकों से होता आ रहा है ‘पकड़ौआ विवाह’
बता दें कि बिहार में पकड़ौआ विवाह नई बात नहीं है, दशकों से यह प्रथा चलती आ रही है जिसमें किसी लड़के का अपहरण कर जबरन उसकी किसी लड़की से शादी करवा दी जाती है. जानकार ऐसी घटनाओं के पीछे का कारण युवक के घरवालों की दहेज लोलुपता और लड़की पक्ष के द्वारा दहेज देने में असमर्थता मानते हैं. इसके अलावा वो इसे शिक्षा की कमी से भी जोड़ कर देखते हैं.
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