NewDelhi : कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के आंदोलन के बीच आज एक बार फिर केंद्र सरकार ने पहल की है. खबर है कि सरकार ने किसानों को पत्र भेज कर बातचीत के लिए बुलाया है. कृषि मंत्रालय द्वारा भेजे गये संदेश में कहा गया है कि सरकार किसानों की हर मांग पर चर्चा करने को तैयार है.
यानी सरकार ने किसानों को संकेत दिया है कि बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं. सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को भेजे गये पत्र में किसानों से कहा है कि वे अगले दौर की बातचीत के तारीख और समय तय करें. कहा कि सरकार किसानों द्वारा उठाये गये मुद्दों के तार्किक समाधान तक पहुंचने के लिए तैयार है.
इसे भी पढ़ें : पश्चिम बंगाल : टीएमसी-भाजपा को टक्कर देने मिल कर लड़ेंगे कांग्रेस और वाम दल, लगी मुहर
गुरुवार को 29वें दिन भी किसान आंदोलन अनवरत जारी
बता दें कि देश में गुरुवार को 29वें दिन भी किसान आंदोलन अनवरत जारी है. कृषि कानूनों पर सरकार और किसान संगठनों के बीच जिच कायम है. हालांकि दोनों पक्ष कह रहे हैं कि किसानों की समस्याओं का हल करने की दिशा में वे बातचीत के लिए राजी हैं. किसान संगठनों के अनुसार अगर सरकार कोई ठोस प्रस्ताव दे तो वार्ता संभव है.
उधर सरकार का कहना है कि किसान संगठन कानून में संशोधन के जो भी प्रस्ताव लायेंगे, उस पर विचार होगा. लेकिन, प्रदर्शनकारी किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे है, मगर सरकार तैयार नहीं है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार सरकार सुप्रीम कोर्ट के रुख के अनुरूप समिति गठित करने की तैयारी में है. समिति के लिए सदस्यों के चयन की प्रक्रिया जारी है. बता दें कि दिसंबर के पहले सप्ताह में सरकार की ओर से किसान संगठनों को एक छोटी समिति बनाने का सुझाव दिया गया था, जिससे समस्या का निराकरण हो सके.
इसे भी पढ़ें : विश्वभारती के शताब्दी समारोह में पीएम ने कहा, बंगाल की पीढ़ियों ने भारत के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए खुद को खपा दिया