घर बनाये एक साल भी नहीं हुआ, तोड़ने का दे दिया नोटिस,
Amit Kumar
Ranchi : जीवन भर की जमा पूंजी और बैंक लोन लेकर सपनों का घर बनाये हुए एक साल भी नहीं हुआ कि घर तोड़ने का नोटिस नामकुम अंचल ने दे दिया है. हेथु मौजा के स्वर्णरेखा नदी के ऊपरी हिस्से में दो परिवारों ने 1750 और 1800 स्क्वायर फीट में सुंदर घर बनाया है. पांच-पांच लोगों के इस परिवार ने अपनी पुश्तैनी जमीन बेच कर तथा जमा पूंजी कम पड़ने पर बैंक से लोन लेकर थ्री बीएचके का मकान बनाया है. जिसमें तकरीबन 40-50 लाख रुपए का खर्च आया है. अब घर तोड़े जाने की खबर से इस परिवार के रातों की नींद उड़ गई है.
रिटायरमेंट के पैसे से बनाया घर
मीना देवी और उनके पति कृष्णा चौधरी ने एचईसी से रिटायर होने के बाद अपना घर बनाया. घर बनाने में तन और धन सब खर्च कर दिए. घर को सारी सुख सुविधा की चीजों से सजाया. पानी के लिए डीप बोरिंग भी कराई. अब घर तोड़े जाने की सूचना से उन्हें हार्ट अटैक के दौर से गुजरना पड़ रहा है.
पुश्तैनी जमीन बेच कर बनाया घर
जगुआर में काम करने वाले प्रकाश मंडल और मीतू मंडल ने गोड्डा में अपनी पुश्तैनी जमीन बेचकर 4.5 डिसमिल जमीन पर घर बनाना शुरू किया. पैसे कम पड़ने पर एलआईसी से लोन लिया. सपना था कि अपनी दो बेटियों को बेहतर शिक्षा के लिए माहौल दे सकें.
जानिये क्या कहते हैं लोग
मीना देवी
मीना देवी कहती हैं कि पिछले साल घर बनाना शुरू किया तो किसी ने भी नहीं बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया है. मालूम होता, तो घर नहीं बनाते. यहां तो किसी ने एक साइन बोर्ड भी नहीं लगाया था, अगर लगाया होता तो इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट न करते.
कृष्णा चौधरी का कहना है कि जमीन 1990 में खरीदी थी. सोचा कि एचईसी से रिटायर होने के बाद घर
कृष्णा चौधरी
बनाकर शांति से रहेंगे, लेकिन यहां तो शांति ही छिन गई है. हर वक्त घर की चिंता बनी रहती है. मेरे जीवन भर की कमाई यहां लगी है. यहीं दफन हो जाना मंजूर है, लेकिन घर नहीं छोड़ेंगे.
नीतू मंडल
नीतू मंडल कहती हैं कि मैंने काफी प्यार से इस घर को बनाया है. अभी घर में रंग-रोगन का काम और गेट लगाना अधूरा है. कुछ छोटे-मोटे काम बचे हुए हैं. लेकिन डर से काम नहीं करा पा रहे हैं. डर तो इतना है कि कॉलबेल बजने पर लगता है कि घर तोड़ने के लिए कोई आया है.
बिशप वेस्टकॉट गर्ल्स हाई स्कूल पढ़ने वाली प्राची मंडल कहती है हम लोग काफी डरे और भयभीत
प्राची मंडल
हैं. पढ़ाई में पूरी तरह से मन भी नहीं लगता है. हम लोग काफी दिनों से डर के साए में जी रहे हैं.