Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) करम के रतिया से कावन भइया रे बजावे बांसुरिया, रे कावन भइया जैसे गीत के साथ भाई बहन के अटूट बंधन व प्रेम का पर्व करमा महोत्सव सोमवार को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था. मंगलवार 6 सितंबर को बहनों ने दिन भर उपवास रख कर भाई की लंबी उम्र के साथ सुख और समृद्धि की कामना की. झारखंड मैदान में यह पर्व धूम धाम से मनाया गया.
महिलाओं ने करम डाली की पूजा-अर्चना की और उस डाली के इरद-गिर्द गोल गोल घूम कर गीत गाये. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष हांगो उरांव ने बताया कि 1994 से यहां कर्मा पूजा हो रही है. युवतियों व महिलाओं ने दिन भर उपवास रखकर संध्या में करम डाली के ईद-गिर्द घूमकर आज रे करम गोसाई घरे द्वारे…., भैया हमारे जियत लाखों बरस…., हे हो करम गोसाई दे हो आशीष…आदि गीत पर नृत्य कर श्रद्धा भक्ति से पूजा आराधना की.
अगले दिन 7 सितंबर की सुबह तालाब व जलाशय में बहनें जावा डाली विसर्जित करेंगी और ईश्वर से साल भर के लिए भाई की सलामती के लिए दुआ करेंगी. इसी के साथ करमा पर्व का समापन होगा. करमा का पर्व में बहनें अपने भाई की लंबी उम्र व सुखी जीवन के लिए उपवास रखकर करती है. झारखंडी संस्कृति से जुड़ा यह कोयलांचल में धूमधाम मनाया जाता है. बहनें बांस की बनी छोटी टोकरी में करमा डाली सजाकर उसके चारों ओर नृत्य करती हैं. महिलाएं पवित्र होकर जावा डाली को घर के आंगन में रखकर उसके ईद-गिर्द गीत गाते हुए नृत्य करती हैं. उसके बाद करम आखाड़ा में भी एक साथ झुंड में नृत्य कर पूजा आरधना करती हैं.
मनईटांड़ बस्ती में मनाया गया करमा पर्व

Dhanbad : मनईटांड़ बस्ती में हर्ष और उल्लास के साथ करमा पर्व मनाया गया. इस अवसर पर छोटी-छोटी बच्चियों द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई. मौके पर मौजूद मार्क्सवादी युवा मोर्चा के जिला सचिव राणा चट्टराज ने कहा कि यह पर्व भाई की मंगल कामना के लिए बहनें करती हैं. उन्होंने कहा कि आज कि यह पर्व झारखंडी पहचान को पूरी दुनिया में फैलाता है. इस संस्कृति एवं सभ्यता को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा. इस कार्यक्रम में अमर महतो, राहुल महतो, सृष्टि महतो,बांगरू महतो, भीम महतो, किरण महतो आदि मौजूद थे.
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