परिजनों का दर्द
मोहम्मद सहनवाज ने बताया कि 2003 में नगर निगम में कुली के पद पर काम करते थे. 2020 में पिता मुहम्मद हुसैन का निधन हो गया. इसके बाद अनुकंपा पर नौकरी लेने के लिए आवेदन दिया गया था. चार साल बीत गया, लेकिन मां को पेंशन नहीं मिला और न ही नगर निगम में नौकरी मिली. अनिता उरांव ने बताया कि पति फोर्थ ग्रेड पर काम करते थे. 2011 में गंभीर बीमारी से मौत हो गई. 14 साल हो गया. उस समय में लगभग दस हजार रुपए मिला था. इसके बाद से काम के लिए नगर निगम पर आवेदन जमा किए. इसके बाद भी न पेंशन मिल रहा है ओर न नौकरी दी जा रही है. घर चलाने के लिए दूसरे लोगों के घरो में दाई का काम करते हैं और परिवार चला रहे हैं. रातू की रीमा कुमारी ने कहा कि 16 किमी दूर से फोर्थ ग्रेड पर काम करने नगर निगम आते थे. 2018 में बीमारी होने से मृत्यु हो गयी थी. नगर निगम की ओर से इलाज कराने के लिए पैसा भी नहीं मिला. लगभग 15 साल काम किए थे. नौकरी में काम पाने के लिए नगर निगम को लिखित आवेदन जमा किए. इसके बाद भी आज तक न नौकरी मिली और न ही पेंशन मिला. मौके पर चंपा तिर्की, कार्तिक उरांव, सुभाष उरांव, विजय गाड़ी, सोनु कुमार, विजय लिंडा, प्रतिमा कुमारी, आनंद तिर्की व पिंटु राम समेत कई मौजूद थे. प्रदर्शन कर रहे मृत कर्मियों के परिजनों का कहना है कि उनके घर के कमाने वाले सदस्य की मृत्यु के बाद वे गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं. परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो रहा है, लेकिन नगर निगम प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है. एक प्रदर्शनकारी ने रोते हुए कहा कि हम वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं. कभी कहते हैं फाइल प्रक्रिया में है, कभी कहते हैं वैकेंसी नहीं है. हम आखिर जाएं तो जाएं कहां? परिजनों ने बताया कि कुछ परिवारों को नौकरी दी गई, लेकिन कई अभी भी इंतजार कर रहे हैं. अब स्थिति यह हो गई है कि उनके पास खाने तक के पैसे नहीं हैं.फिलहाल वैकेंसी नहीं हैः निगम
नगर निगम प्रशासन का कहना है कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के लिए वर्तमान में कोई खाली पद नहीं है. अधिकारियों के मुताबिक, जैसे ही नई वैकेंसी आती है, जरूरतमंदों को प्राथमिकता दी जाएगी. नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम संवेदनशीलता के साथ मामले को देख रहे हैं. जैसे ही कोई वैकेंसी उपलब्ध होगी, योग्य परिजनों को नौकरी दी जाएगी. हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह केवल बहानेबाजी है. उनका कहाना है कि जब भी वे नगर निगम से संपर्क करते हैं, उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जाता है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता.नौकरी दो या हमारी जान ले लोः प्रदर्शनकारी
इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे परिजनों का गुस्सा अब उबाल पर है. कुछ प्रदर्शनकारियों ने बेहद भावुक होकर कहा कि अगर सरकार और नगर निगम उन्हें नौकरी नहीं दे सकती, तो वे उनकी जिंदगी ही खत्म कर दें. एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि हमारे पास अब कुछ भी नहीं बचा. हम अपने बच्चों को ठीक से खिला भी नहीं सकते. सरकार हमें मरने के लिए छोड़ रही है. अगर वे हमें नौकरी नहीं दे सकते, तो हमारी जान ही ले ले.आंदोलन और तेज करने की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे अनशन समाप्त नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रशासन जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाते, तो उनका आंदोलन और तेज होगा. कहा कि हम यहां से हटने वाले नहीं हैं. जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक यह अनशन जारी रहेगा. अगर जरूरत पड़ी, तो हम नगर निगम का घेराव भी करेंगे. इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है. अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार और नगर निगम इस संकट का समाधान निकालने के लिए क्या कदम उठाते हैं. इसे भी पढ़ें – वीडियो">https://lagatar.in/training-on-video-call-this-is-how-the-conspiracy-to-blow-up-the-ram-temple-was-hatched-abdul-made-many-revelations/">वीडियोकॉल पर राम मंदिर को उड़ाने की मिली ट्रेनिंग, अब्दुल ने किये कई अहम खुलासे, ATS ने बलिया से तीन संदिग्ध को दबोचा हर खबर के लिए हमें फॉलो करें Whatsapp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029VaAT9Km9RZAcTkCtgN3q
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