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किसान संगठन झुकने को तैयार नहीं, आंदोलन तेज करने का निर्णय, कहा, सरकार ठोस प्रस्ताव पेश करे, तो हम चर्चा को तैयार

NewDelhi :  नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान अपना आंदोलन तेज करेंगे. य़ह निर्णय किसान संगठनों ने लिया है. किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी. बता दें कि 28वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है.  किसान नेताओं ने इस क्रम में कहा कि जिन राज्यों में आंदोलन धीमा है, वहां आंदोलन तेज किया जायेगा. जान लें कि केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में एलगार परिषद-माओवादी संबंध मामले में गिरफ्तार कई कार्यकर्ता बुधवार को महाराष्ट्र के तलोजा जेल में एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर">https://lagatar.in/jammu-and-kashmir-ddc-election-by-winning-74-seats-bjp-emerged-as-the-largest-party-ravi-shankar-said-lotus-blossomed-in-the-valley/11864/">जम्मू-कश्मीर

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सरकार इस कानून को वापस ले

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि किसान  कानून में किसी तरह का संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वह चाहते हैं कि सरकार इस कानून को वापस ले.  किसान नेताओं ने यह भी कहा कि  राजस्थान और गुजरात से किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंच चुके हैं.  महाराष्ट्र से भी किसान चल चुके हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का, स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी मौजूद थे. शिव कुमार कक्का ने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि ऐसा माहौल तैयार किया जाये ताकि बातचीत कर कोई  रास्ता निकले. इसे भी पढ़ें :  किसान">https://lagatar.in/special-on-farmers-day-even-though-the-government-is-running-many-welfare-schemes-in-the-interest-of-farmers-the-annadata-are-worried/11872/">किसान

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सरकार द्वारा भेजा गया पत्र गोलमोल है

योगेंद्र यादव ने कहा, सरकार लगातार तथाकथित किसान नेताओं और संगठनों के साथ बातचीत कर रही है, जो हमारे आंदोलन से बिल्कुल भी जुड़े नहीं हैं. सरकार द्वारा भेजा गया पत्र गोलमोल है, जिसमें कि बातें तोड़-मरोड़कर लिखी गयी हैं. यादव ने कहा कि सरकार इस पत्र की जगह साफ-साफ नया प्रस्ताव भेजे जिस पर बातचीत की जा सके. कहा कि हमारे आंदोलन को तोड़ने का एक प्रयास किया जा रहा है.  सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगेंद्र यादव ने कहा, `हम सरकार से आग्रह करते हैं कि निरर्थक संशोधनों का ना दोहराया जाये, जिनको हम खारिज कर चुके हैं.  सरकार लिखित रूप से एक  ठोस प्रस्ताव पेश करे, जिससे बातचीत की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जा सके. इसे भी पढ़ें :  Kolkata">https://lagatar.in/kolkata-wednesday-also-not-remained-untouched-clash-between-supporters-of-shubhendu-adhikari-and-tmc-activists-many-injured/11909/">Kolkata

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सरकार  किसानों के विरोध का मनोबल तोड़ना चाहती है

इस क्रम में योगेंद्र यादव ने कहा,  हम केंद्र को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम सरकार के साथ चर्चा के लिए तैयार है. कहा कि हम खुले दिमाग और साफ इरादे के साथ चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का इंतजार कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के युद्धवीर सिंह ने आरोप लगाया कि जिस तरह से केंद्र इस वार्ता की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है, इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार इस मुद्दे पर देर कर किसानों के विरोध का मनोबल तोड़ना चाहती है. कहा कि  सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है,.. मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूं कि जल्द से जल्द मामले पर संज्ञान ले.  
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