Pravin kumar
Ranchi: रांची में अगर आप खतियानी रैयत हैं तो आपकी जमीन सुरक्षित नहीं है. आपकी जमीन के कोई बड़े हिस्सा के पास से सड़क गुजरती हो तब वह जमीन किसी और के नाम पर हो गई होगी. यह स्थिति तभी बनती है जब आप अपनी जमीन को 10 सालों से छोड़ दिये हों. यह रांची में संभव है कि आपकी वह जमीन बेच दी गई होगी. या फिर किसी अन्य के नाम पर सीओ ने म्यूटेशन कर दिया होगा. इस तरह का कारनामा करने वाला रांची का नामकुम अंचल है. चौंकाने वाला मामला तब सामने आया जब उक्त भूमि पर निर्माण कार्य किया जाने लगा. नामकुम अंचल के तेतरी मौजा के खाता नंबर 1, प्लॉट नंबर 348, भूमि जिसका कुल रकब 2.96 एकड़ है. इसे तत्कालिक अंचल अधिकारी नामकुम ने किसी अन्य के नाम पर म्यूटेशन कर दिया. बाद में इसी अवैध म्यूटेशन के आधार पर अन्य कई लोगों को जमीन की रजिस्ट्री निबंधन कार्यालय से होता रहा.
क्या है पूरा मामला
उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार, प्रदीप कुमार मिश्रा का परिवार नामकुम अंचल के तेतरी मौजा के खाता नंबर 1 प्लॉट नंबर 348 जिसका कुल रकबा 2.96 एकड़ है. इस जमीन के खतियान रैयत मिश्रा परिवार हैं. उक्त भूमि को मिश्रा परिवार ने कभी नहीं बेची. इसके बावजूद तत्कालीन अंचल अधिकारी नामकुम ने 10 अक्टूबर 2013 को 2.96 एकड़ भूमि का बिना भूमि का वैध दस्तावेज (रजिस्ट्री डीड) के ही दाखिल खारिज गोवर्धन सिंह के नाम पर 10 अक्टूबर 2013 को कर दी.
नामकुम अंचल कार्यालय का कारनामा अवैध म्यूटेशन से पहले फाड़ दी गई पंजी टू
प्राप्त सूचना के अनुसार, भूमि का फर्जीवाड़ा करने के मकसद से तत्कालीन अंचल अधिकारी नामकुम ने अपने कार्यालय कर्मी की मिली भगत से पंजी टू को फाड़ दिया. इसके उपरांत अवैध तरीके से तत्कालीन अंचलाधिकारी नामकुम में 2.96 एकड़ भूमि को गोवर्धन सिंह के नाम पर म्यूटेशन कर दिया.
अवैध तरीके से म्यूटेशन कराये गये भूमि का नामकुम अंचल 2018 तक करता रहा म्यूटेशन
मौजूदा दस्तावेज के अनुसार, गोवर्धन सिंह के बेटों ने नामकुम अंचल के तेतरी मौजा के उक्त भूमि को कई लोगों को बेचा. बतौर नामकुम अंचल कार्यालय के द्वारा अवैध रूप से बिक्री किये गए भूमि के म्यूटेशन को 10 से अधिक लोगों के नाम पर दाखिल-खारिज की गई. साथ ही निबंधन कार्यालय रांची भी उक्त भूमि का बाद में रजिस्ट्री करता रहा.
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