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झारखंड में निर्णायक मोड़ पर नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई, चार महीने में 15 नक्सली ढेर

Saurabh Singh Ranchi: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस को एक के बाद एक बड़ी सफलता हाथ लग रही है. इस साल जनवरी से लेकर 20 अप्रैल तक 15 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है. पांच नक्सली इनामी थे. यह सफलता झारखंड पुलिस को चाईबासा और बोकारो जिला में मिली है. इसे भी पढ़ें -रातू">https://lagatar.in/ratu-zone-office-becomes-a-ghost-office-officers-missing-work-handed-over-to-operators-people-in-distress/">रातू

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साल 2020 के बाद सबसे अधिक 2025 में मारे गए नक्सली झारखंड में साल 2020 के बाद सबसे अधिक नक्सली साल 2025 में मारे गए आंकड़े के मुताबिक, साल 2020 में 18 नक्सली मारे गए थे. 2021 में आठ, साल 2022 आते-आते यह संख्या बढ़कर में 12 हो गई, इसके बाद 2023 में 14, 2024 में 11 और साल 2025 में अप्रैल महीने में ही 15 नक्सली मारे गए है. हालांकि इस दौरान 20 जवान भी शहीद हुए है. झारखंड में अब सिर्फ पांच जिले नक्सल प्रभावित फिलहाल राज्य में सिर्फ पांच जिले (गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम) नक्सल प्रभावित रह गये हैं. देश के पांच राज्यों के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में झारखंड का सिर्फ एक जिला पश्चिमी सिंहभूम शामिल है. झारखंड में नक्सलवाद की समस्या 95 फीसदी खत्म हो चुकी है. छोटे-छोटे समूह में तब्दील होकर अपराधी और उग्रवादी संगठन आगजनी के साथ-साथ व्हाट्सएप कॉल पर कारोबारियों से रंगदारी की मांग कर रहे हैं. झारखंड में भाकपा माओवादी संगठन के कमजोर होते ही छोटे-छोटे अपराधी और उग्रवादी संगठन सक्रिय हो गये हैं. ये रंगदारी और लेवी वसूलने के लिए वाहनों में आगजनी और गोलीबारी की घटना को अंजाम दे रहे हैं. चार महीने में मारे गए 15 नक्सली - 21 अप्रैल: बोकारो जिले के लुगु पहाड़ पर सुरक्षा बलों से मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रयाग मांझी उर्फ विवेक सहित आठ माओवादी मारा गया था. जिनमें प्रयाग मांझी, साहेबराम मांझी, अरविंद यादव, के अलावा पांच अन्य नक्सली शामिल थे. - 29 जनवरी: चाईबासा में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गये थे. जिनमें एक महिला भी शामिल थी. मारे गए नक्सलियों की पहचान विनय गंझू उर्फ संजय गंझू और हेमंती मंझियाईन के रूप में हुई थी. विनय गंझू भाकपा माओवादी का जोनल कमेटी सदस्य था, जबकि हेमंती मंझियाइन एरिया कमेटी सदस्य थी. - 22 जनवरी: बोकारो में पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें दो नक्सली मारे गये थे. मृतक माओवादियों की पहचान मनोज बास्की और गिरफ्तार 15 लाख के इनामी नक्सली की पत्नी शांति देवी के रूप में हुई थी. इसे भी पढ़ें -एक">https://lagatar.in/post-mortem-of-the-bodies-of-eight-naxalites-including-one-with-a-bounty-of-rs-1-crore/">एक

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