Ranchi: राज्य भर के सभी चर्चों में क्रूस रास्ता का पहला शुक्रवार पर्व मनाया गया. इस दिन कलवाड़ी पहाड़ में यीशु मसीह को क्रूस पर चढ़ाया गया था. इसी को याद करते हुए मसीही समुदाय यीशु मसीह के बलिदानों को याद करते हैं. क्रूस रास्ता में ख्रीस्त राजा का चिंतन मनन किया गया.
पुरोहितों और मसीहियों द्वारा सभी मानव जाति के लिए विशेष विनती की जाती है. दीन-दुखियों, गरीब-लाचार की मदद करने की भावना उत्पन्न की जाती है, ताकि निस्वार्थ भावना से हम असमर्थ लोगों की मदद कर सकें. चालीसा काल के पहला शुक्रवार को रांची के संत मारिया महागिजाघर में पल्ली पुरोहित आनंद डेविड, फादर विपिन कुंडुलना तथा फादर निखिल ने सभी मसीही विश्वासियों को परमेश्वर के दुख भोग का स्मरण कराया गया.
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चर्च परिसर में प्रभु यीशु को क्रूस पर चढ़ाए जाने की घटना से संबंधित लगाए गए चौदह स्थानों की झलकियों के बारे बताया गया. लोग सुबह से यीशु मसीह के क्रूस रास्ता के दुखभोग कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे. सभी गिरजाघरों में अलग-अलग समय निर्धारित किया गया था. बहुबाजार के सीएनआई चर्च में सुबह और शाम में पुरोहित डेविड और सहायक पुरोहित सामुएल भुइयां ने मसीही समुदायों को तिलानिया प्रार्थना की गई. जिसमें सभी मानव जाति के लिए विशेष विनती की गई और जीएल चर्च में विशप सीमांत तिर्की ने मसीही समुदायों के लिए प्रार्थना की.
संत महागिरजा घर के फादर निखिल ने बताया कि क्रूस का रास्ता पापियों का मन फिराने के लिए हैं. धर्म में ढिलाई करने वालों को उत्साहित करने और भले लोगों को पवित्र करने का बड़ा लाभदायक उपाय है. क्रूस के रास्ते के समय, हम मन ही मन कलवारी पहाड़ की यात्रा करते हैं.
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