- हाईकोर्ट ने गैरमजरूआ खास भूमि की रजिस्ट्री पर रोक हटाने का दिया है आदेश
- हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती सरकार
: राजौरी में संदिग्ध गतिविधि की सूचना पर तलाशी अभियान शुरू 2015 में सरकार ने रजिस्ट्री में लगायी थी रोक बता दें कि राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से 26 अगस्त 2015 को अधिसूचना जारी की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि हस्तांतरण विलेख का निबंधन, निबंधन अधिनियम 1908 की धारा 22 `क` के अधीन लोकनीति के विरुद्ध है. इसलिए गैरमजरूआ खास जमीन, केसरे हिंद भूमि, गैरमजरूआ आम भूमि, वन भूमि, जंगल व अन्य सरकारी अधिग्रहित जमीन की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाती है. इसके बाद राज्यभर में ऐसी जमीन की रजिस्ट्री बंद कर दी गयी थी. इस आदेश के खिलाफ वर्ष 2018 में छोटानागपुर डाइसिस ट्रस्ट एसोसिएशन और अन्य कई लोगों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. इसे भी पढ़ें : विदेश">https://lagatar.in/foreign-policy-failed-if-it-was-strong-there-would-have-been-no-need-to-send-a-delegation-jairam-ramesh/">विदेश
नीति फेल, मजबूत होती तो डेलिगेशन भेजने की जरुरत नहीं पड़ती- जयराम रमेश रैयतों को हो रही थी परेशानी विभाग के आदेश के बाद राज्य भर के कई वैसे रैयत परेशान थे, जिनकी जमीन गैरमजरुआ खास खाते की थी. उन्हें जमीन का उपयोग या हस्तांतरण करने में कई कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था. फिलहाल गैर मजरुआ खास भूमि की खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री के लिए लंबी प्रशासनिक प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है. लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब गैरमजरुआ खास खाते की रजिस्ट्री करवाने में थोड़ी सहूलियत होगी. इसे भी पढ़ें : एक्ट्रेस">https://lagatar.in/actress-shivangi-joshi-celebrated-her-27th-birthday-with-family-shared-pictures/">एक्ट्रेस
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