Ranchi: राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने गुरुवार को केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, रांची में ‘भारत में तसर रेशम उद्योग के समावेशी विकास’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि तसर रेशम उद्योग न केवल एक कृषि आधारित उद्योग है, बल्कि यह जनजातीय समुदाय की परंपरा और संस्कृति का भी अभिन्न हिस्सा है.
झारखंड में तसर रेशम उद्योग की महत्ता
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड इस उद्योग में देश का अग्रणी राज्य है और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों की आजीविका इससे जुड़ी हुई है. उन्होंने तसर रेशम उद्योग को पर्यावरण-संवेदनशील एवं सतत विकास का उदाहरण बताते हुए कहा कि इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलता है, बल्कि वन संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है . तसर रेशम उद्योग में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा
राज्यपाल ने कहा कि तसर रेशम उत्पादन से लगभग 10 मिलियन लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं और भारत सरकार द्वारा केंद्रीय रेशम बोर्ड एवं कपड़ा मंत्रालय के माध्यम से विभिन्न योजनाओं को लागू किया जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिल रहा है. वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं से आह्वान
राज्यपाल ने वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं से आह्वान किया कि वे तसर रेशम के उप-उत्पादों एवं उत्पाद विविधीकरण पर विशेष ध्यान दें, जिससे स्थानीय कारीगरों एवं बुनकरों की आय में वृद्धि हो सके.
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