Ranchi : बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर घुसपैठ के मुद्दे को सामने रखा है. उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट शेयर किया कि मैंने पहले भी कहा है और हमेशा इसी बात पर अडिग रहूंगा कि बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा मेरे लिए केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मेरे समुदाय के अस्तित्व, उनकी पहचान और उनके भविष्य का प्रश्न है. झारखंड के मेरे आदिवासी भाई बहनों की भूमि, उनकी संस्कृति, सभ्यता और अधिकारों पर हो रहे हमले को मैं कभी भी चुपचाप नहीं देख सकता हूं. घुसपैठ की समस्या अब सिर्फ संताल परगना तक ही सीमित नहीं रह गयी है, बल्कि बांग्लादेशी, रोहिंग्या घुसपैठ समस्या झारखंड में पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण, शहर-कस्बे से लेकर सुदूर ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों तक फैल गयी है. एक संताल होने के नाते, मेरा यह प्रथम कर्तव्य बनता है कि मैं अपने लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहूं. उनके संघर्ष में सहभागी बनकर अधिकारों एवं संस्कृति की रक्षा करने में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दूं.
मेरे भाइयों एवं माताओं – बहनों,
मैंने पहले भी कहा है और हमेशा इसी बात पर अडिग रहूंगा कि बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा मेरे लिए केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं है, बल्कि यह मेरे समुदाय के अस्तित्व, उनकी पहचान और उनके भविष्य का प्रश्न है। झारखंड के मेरे आदिवासी भाई बहनों की भूमि, उनकी…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 25, 2024
भाजपा का सच्चा सिपाही और कार्यकर्ता होने के नाते मेरे विचार स्पष्ट और दृढ़
बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा कि भारतीय जनता पार्टी का एक सच्चा सिपाही और कार्यकर्ता होने के नाते मेरे विचार स्पष्ट और दृढ़ हैं. चुनाव परिणाम चाहे जो भी हों, हम अपने लोगों के अधिकारों और हितों के लिए संघर्ष करना कभी नहीं छोड़ सकते हैं. मैं अपना संपूर्ण समय और ऊर्जा अपने लोगों को जागरूक करने और उन्हें सशक्त बनाने में लगाऊंगा, ताकि कोई भी हमारी जल जंगल जमीन की तरफ अपनी आंख उठाकर भी न देख सके. यह संघर्ष केवल वर्तमान के लिए नहीं है, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने का प्रयास है. मैं लोगों से वादा करता हूं कि इस संघर्ष में मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा, कभी हार नहीं मानूंगा. हमारा रास्ता कठिन हो सकता है, लेकिन हमारी इच्छाशक्ति अडिग है. हमारा संघर्ष सिर्फ अधिकारों की रक्षा भर का नहीं, बल्कि सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा का भी है, इसलिए अस्तित्व की इस लड़ाई में, मैं आखिरी सांस तक आप लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते हुए आपके बीच खड़ा मिलूंगा.