Ranchi: सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर हमला बोला है. पार्टी ने कहा है कि चुनाव आयोग को भेजा गया पत्र सांसद निशिकांत के हाथों में पहुंचना संयोग नहीं हो सकता. जब यह पत्र सांसद के पास है तो चुनाव आयोग का राज्य के सीएम पर दिया गया तथाकथित मंतव्य भी इनके पास होगा ? झामुमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है.
संवैधानिक संस्थाओं का बिकना महज एक संयोग नहीं लोकतंत्र की नींव को खोखला करने की गहरी साजिश है। चुनाव आयोग को भेजा गया पत्र सांसद @nishikant_dubey के हाथों पहुंचना संयोग नहीं हो सकता।
जब यह पत्र सांसद के पास है तो चुनाव आयोग का राज्य के सीएम पर दिया गया तथाकथित मंतव्य भी (1/2) pic.twitter.com/7miZfmCbAU— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) September 5, 2022
सोशल मीडिया पर देर रात किये एक ट्वीट में झामुमो का कहना है कि संवैधानिक संस्थाओं का बिकना महज एक संयोग नहीं लोकतंत्र की नींव को खोखला करने की गहरी साजिश है. देश और झारखंड की जनता का इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है? रही बात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्ताक्षर की तो उनके द्वारा पुष्टि की जा सकती है.
इसे पढ़ें-जमशेदपुर : …और 2 सेकेंड में ध्वस्त हो गई टाटा स्टील कोक ओवन की एक यूनिट
बता दें, बीते दिनों सांसद निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग को लिखे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक पत्र को ट्वीटर पर साझा करते हुए लिखा था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव के साथ अपने हस्ताक्षर के साथ धोखा किया. चुनाव आयोग को इसे फोरेंसिक और सीबीआई जांच करनी चाहिए. दोनों हस्ताक्षर में जमीन आसमान का अंतर है.
इसे भी पढ़ें-जमशेदपुर : शहर में जल्द लगाए जाएंगे पावरफुल सीसीटीवी कैमरे, वाहनों के नंबर प्लेट की हो सकेगी पहचान
[wpse_comments_template]