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नहीं चल रहा 'संदीप और पिंकी फरार' का जादू, फिल्म के नाम में ही है कन्फ्यूजन

LagatarDesk: फिल्म ‘संदीप और पिंकी फरार’ 19 मार्च को रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में दोनों लीड कैरेक्टर अपने नाम के विपरीत हैं. संदीप लड़की है और पिंकी लड़का है. जब नाम में ही इतना कन्फ्यूजन है तो फिल्म सीधी-सरल कैसे होगी. यह फिल्म थ्रिलर की तरह शुरू होती है और धीरे-धीरे नॉर्मल हो जाती है. और इंटरवल आते-आते इसमें देखने को कुछ खास नहीं रह जाता है. `खोसला का घोसला` से `ओए लकी लकी ओए` तक दिबाकर बनर्जी मिडिल क्लास के छोटे-छोटे सपनों और इच्छाओं की कहानियां दिखाते रहे हैं. इन सबसे उन्हें सफलता भी मिली है. लेकिन इन सबके बाद उन्होंने पाला बदला. अब दिबाकर कारपोरेट-बैंकिंग और देसी किरदारों का मिक्स करके `संदीप और पिंकी फरार` लाये हैं. इसे भी पढ़ें: 19">https://lagatar.in/the-film-sandeep-aur-pinky-absconding-will-be-released-on-march-19arjun-and-parineeti-will-be-seen-together-again/36702/">19

मार्च को रिलीज होगी फिल्म ‘संदीप और पिंकी फरार’, फिर साथ दिखेंगे Arjun और Parineeti https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/03/pinky.jpg"

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जानें क्या है फिल्म की स्टोरी

इस फिल्म में एक तरफ मर्दवादी माहौल, हरियाणा-दिल्ली के जाटों की कड़क बोली और कठोर पुलिसवाले हैं, तो दूसरी तरफ कॉरपोरेट दुनिया में अपने बॉस-बॉयफ्रेंड से धोखा खाने वाली नायिका सैंडी उर्फ संदीप कौर (परिणीति चोपड़ा) है. गणित और बैंकिंग में गोल्ड मैडलिस्ट संदीप अपने बॉस के साथ मिलकर प्राइवेट परिवर्तन बैंक के लोगों को लूटने वाली फ्रॉड स्कीमों में शामिल होती है. फ्रॉड में फंसने और प्रेग्नेंट होने के बाद वह दुनिया को सच्चाई बताने की धमकी देती है. नतीजा यह निकलता है कि बैंकर बॉस एक भ्रष्ट पुलिसवाले त्यागी (जयदीप अहलावत) को उसकी सुपारी दे देता है. त्यागी साल भर से सस्पेंड चल रहे अपने जूनियर पिंकी उर्फ सतिंदर दहिया (अर्जुन कपूर) को संदीप का अपहरण करके उसे मारने का काम सौंपता है. पिंकी को कुछ शक होता है और उसे पता चल जाता है कि संदीप के साथ उसे भी मार लगा दिया जायेगा. यहां से संदीप और पिंकी फरार होते हैं. दोनों के पीछे पुलिस पड़ जाती है. गुरुग्राम में शुरु हुई यह कहानी पिथौरागढ़ (भारत-नेपाल बॉर्डर) पहुंच जाती है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/03/parineeti-chopra.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> संदीप चाहती है कि पिंकी उसे बॉर्डर पार करा के नेपाल पहुंचा दे तो वह उसे दस लाख रुपये देगी. परंतु उसके सारे कार्ड ब्लॉक हो चुके हैं. ये दोनों किरदार समाज के ऊंचे और नीचे तबके से हैं. और यहां इनकी बातचीत, तनाव और संवेदनाओं के बीच कुछ दृश्य हमारे समय की सच्चाई को सामने लाते हैं. मगर फिल्म को मजबूत बनाने के लिए इतना काफी नहीं.

डायरेक्टर ने फिल्म को रियालिटी के नजदीक रखने की कोशिश की है

परिणीति अपनी पिछली फिल्मों के मुकाबले काफी सीधी नजर आयी हैं. जबकि अर्जुन कपूर कोशिशों के बावजूद बॉलीवुड हीरो वाले इमेज से बाहर नहीं निकल पाते हैं. दिबाकर ने फिल्म को रियालिटी के नजदीक रखने की कोशिश की है. कहानी में वह बैंक फ्रॉड, उससे आम जनों को होने वाली मुश्किलों, समाज के ऊंचे-नीचे तबके से लेकर थ्रिलर, कॉमेडी तक दिखाया है. लेकिन स्टोरी सही ढंग से नहीं चल पा रही है. इसे भी पढ़ें: इन">https://lagatar.in/positive-energy-will-come-into-the-house-from-these-plants-and-will-remain-healthy/39821/">इन

पौधों से घर में आयेगी पॉजिटीव एनर्जी और रहेंगे स्वस्थ https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/03/movie.jpg"

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