Dhanbad : धनबाद के महिला थाना में फरियादियों की भले ही नहीं सुनी जाती हो, पीड़त लाचार, बेबस लोग अधिकारियों के रहमोकरम की आस लगाए बैठे हों, मगर परिसर में बाजार गुलजार रहता है. दिन चढ़ते ही चाय, कॉफी सहित चटपटी चीजों की दुकानें सज जाती हैं और दुकानदारों की बांछें खिली-खिली नजर आती हैं. थाने में प्रतिदिन सैकड़ों फरियादी आते हैं. साहब उनकी फरियाद सुने या न सुने, इन दुकानदारों के पास उन्हें जाना ही पड़ता है. थकान मिटानी हो तो चाय-कॉफी, भूख लगी हो तो समोसे-कचौड़ी किसी चीज की कमी नहीं. दिन चढ़ने के साथ फरियादियों की भीड़ बढ़ती रहती है और इधर अपने धंधे को चार चांद लगाने में जुटे चाय कॉफी वालों का जमावड़ा भी परवान पर होता है. नारियल, मिष्टी लड्डू की भी बिक्री खूब होती है.
दुकानदारी के लिए इससे अच्छी जगह नहीं
बात चीत के दौरान चाय विक्रेता मंटू दस और नारियल बिक्रेता कामदेव यादव ने बताया कि थाने में प्रतिदिन अच्छी खासी भीड़ जुटती है. लोग अपनी समस्या लेकर महिला थाना पहुंचते हैं. जहां उन्हें घंटों बैठना पड़ता है. अब दुकानदारी के लिए इससे अच्छी जगह कहां मिलेगी. दुकानदार इस भीड़-भाड़ का फायदा उठाते हैं, जबकि बैठे बैठे लोग चाय-कॉफी की चुस्की से मन बहलाते हैं..
थाना परिसर में इन चीजों की होती है बिक्री
महिला थाना में लैमन टी, मिल्क टी, कॉफी, खड़ा नारियल, नारियल के लड्डू आदि उपलब्ध होते हैं, जिससे यहां आने वाले लोगों का टाइम पास भी हो जाता है और विक्रेताओं की आमदनी फिक्स हो जाती है. थाना परिसर में दुकान चलाने वाले लोगों को पुलिस भी नहीं रोकती है. कारण साफ है, फरियादी उनकी आव-भगत इन्हीं लोगों के जरिये तो करते हैं, जबकि दुकानदार खुद भी उनकी निःशुल्क सेवा में लगे रहते हैं.
पैरवीकार भी फरियादियों से ऐंठते हैं मोटी रकम
महिला थाना में फरियादियों को लोकल दलाल से भी पाला पड़ता है. ये पैरवीकार या दलाल भोले-भाले और कम पढ़े लिखे लोगों को अपने चंगुल में फंसाते हैं और केस मैनेज करने या उनका काम करा देने के एवज में उनसे मोटी रकम ऐठते हैं. कई दलाल तो अपने क्लाइंट को थाने के बाहर ही चंगुल में फंसा कर उनसे रकम वसूल लेते हैं.
यह भी पढ़ें : सिंदरी : हर्ल में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को देनी होगी नौकरी : झामुमो