Ranchi : रिम्स में साफ-सफाई और कपड़े धोने वाली (CSSD और लॉन्ड्री) सेवाओं का काम देख रही एजेंसी मेडीलैब को पैसे देने में देर हो रही थी. इसी को लेकर रिम्स के डायरेक्टर डॉ. राजकुमार की अगुवाई में एक अहम मीटिंग हुई. इसमें अस्पताल के कई सीनियर अधिकारी मौजूद थे. मीटिंग में पता चला कि एजेंसी को भले ही रिम्स से पैसे मिलने में देर हो रही हो, लेकिन उसके बावजूद उसे अपने कर्मचारियों को सैलरी देना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कई कर्मचारियों ने बताया कि न तो ठेकेदार मिलता है और न ही सुपरवाइजर कुछ हल कर पाता है. जब रिम्स के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने खुद कर्मचारियों से बात की, तब मामला साफ हुआ. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने एजेंसी से लिखित में भरोसा लिया कि वह एक हफ्ते के अंदर सबकी बकाया सैलरी दे देगी. भरोसा मिलने के बाद कर्मचारी दोबारा काम पर लौट आए और सेवाएं फिर से शुरू हो गईं. डायरेक्टर डॉ. राजकुमार ने कहा कि रिम्स की तरफ से जहां भी फाइलों में देरी हुई है, उसकी जांच करके 5 दिन में रिपोर्ट दी जाए. साथ ही एजेंसी को 3 दिन में बाकी भुगतान करने का आदेश भी दे दिया गया है. डायरेक्टर ने साफ कहा है – अगर ठेकेदार की गलती पाई गई तो उस पर नियम के तहत FIR भी हो सकती है, क्योंकि उसने जरूरी सेवाएं रोकीं और कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का पालन नहीं किया. इसे भी पढ़ें -एसीबी">https://lagatar.in/acb-did-not-tell-on-which-charges-ias-vinay-chaubey-was-arrested-devesh-ajmani/">एसीबी
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रिम्स में CSSD और लॉन्ड्री का मामला गरमाया, ठेकेदार को मिली चेतावनी
