Search

शेयर बाजार नहीं मीडिल क्लास फंस गया-डूब रहा, 1996 का रिकॉर्ड भी टूट गया

SURJIT SINGH 28 फरवरी को शेयर बाजार में ब्लीडिंग की स्थिति रही. बाजार खुलते ही गिरना शुरु हुआ और गिरता चला गया. 1400 से अधिक अंक तक टूटा. इसके साथ ही लगातार 5 महीने तक बाजार के गिरने का वह रिकॉर्ड टूट गया, जो 28 साल पहले 1996 का था. शेयर बाजार में लिस्टेड अधिकांश कंपनियां 200 दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया है. बाजार सिर्फ विदेशी इंवेस्टरों की वजह से ही नहीं गिर रहा है, बल्कि शेयर बाजार की कंपनियों के प्रमोटर्स की वजह से भी बाजार गिर रहा है. और छोटे निवेशक यानी मीडिल क्लास फंस गया है. शुक्रवार की गिरावट और इस महीने प्रकाशित रिपोर्ट्स ने यह तथ्य सामने लाया है कि कैसे इस देश के मीडिल क्लास को लूट लिया गया. पहले माहौल बनाया गया, फिर माहौल बनाने वालों ने अपने पैसे निकाल लिए और फिर बाजार को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया. माहौल बनाने वालों में इस देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व वित्तमंत्री तक शामिल रहें, बताते रहें देश की अर्थव्यवस्था ठीक है, वह अब चुप है. जबकि सच्चाई अब सामने आ रही है कि अर्थव्यवस्था सिर्फ कुछ लोगों के लिए अच्छी है. 100 करोड़ लोगों की स्थिति खराब है. दरअसल उस मीडिल क्लास को भगवान को भरोसे छोड़ दिया गया, जिसने हाल के वर्षों में शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, एसआईपी ने खूब पैसे लगाये. मीडिल क्लास इस गफलत में रहा कि बाजार बढ़ रहा है और बढ़ता ही जायेगा, लेकिन जिन पूंजीपतियों पर विश्वास किया, उन्होंने अपने पैसे पहले ही निकाल लिये. दो तथ्य को समझिये. पहली- देश के पूंजीपति अभी रुपयों की ढ़ेर पर बैठे हुए हैं. पूंजीपतियों के पास 14 लाख करोड़ कैश पड़ा हुआ है. यह दो दशक का उच्चतम स्तर है. दूसरी- जिन कंपनियों के शेयर में मीडिल क्लास का पैसा लगा, उन कंपनियों के प्रमोटरों ने उंचाई पर खूब शेयर बेचे. कंपनियों के मालिकों का शेयरों में हिस्सेदारी 22 साल के निचले स्तर पर आ गया है. बाजार जैसे-जैसे गिरा, बड़ी कंपनियों के प्रमोटर्स अपने शेयर बेचते रहे. सिप्ला, टाटा, भारती एयरटेल, टीसीएस, टाटा जैसी कंपनियों ने यह धतकर्म किए हैं. और मीडिल क्लास अब लुटने के बाद अपना एसआइपी बंद करा रहा है. क्योंकि बड़े फंड मैनेजरों का रिटर्न पिछले छह माह में 22 से 24 प्रतिशत तक निगेटिव रहा. सेमको स्पेशल अपोर्चनिटिज फंड का -24.31%, टाटा इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का -23.28%, एचडीएफसी डिफेंस फंड का -23.14% और क्वांट पीएसयू फंड का -22.90% रिटर्न रहा है. हालात यह है कि मीडिल क्लास जो पिछले तीन-चार सालों में शेयर बाजार में आया, डिमेट एकाउंट खुलवाया, उस एकाउंट से अब शेयरों की खरीद या बिक्री नहीं हो रही है. यानी एक्टिव एकाउंट नहीं रहा. पिछले दिनों रिपोर्ट आयी थी कि जीरोधा, अपस्टॉक, 5 पैसा जैसे शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में करीब एक लाख से अधिक एकाउंट इनएक्टिव हो गए हैं.