Girish Malviya
जी हां, मितरो.... यह वही मॉडल है, जिसके बारे में राहुल गांधी अपनी प्रेस कांफ्रेंस में बता रहे थे कि ये लड़की तो सीमा, स्वीटी, सरस्वती आदि आदि जैसे 22 नाम से हरियाणा के चुनाव में वोट डाल रही है. लेकिन यहां तो यही लड़की नवभारत टाइम्स में तोरई का तेल, गन्ने का रस, काली किशमिश और करेले से आपकी त्वचा को बेहतर बताने के नुस्खे सिखा रही है?
तो फिर सच क्या है? तथाकथित रूप से ये लड़की ब्राजील की बताई जा रही है, जिसकी तस्वीरें फोटोग्राफर 'मैथियस फेरेरो' द्वारा खींची गई और 8 अगस्त 2017 को इस तस्वीर को एक रॉयल्टी-फ्री वेबसाइट्स Unsplash पर अपलोड किया गया.
यानी नेट पर फ्री का माल मिल रहा था, जिसने जैसा चाहा वैसा इस्तेमाल कर लिया, किसी ने तोरई के तेल के फायदे बताने में, किसी ने लिंक्डइन की फर्जी प्रोफाइल बनाने में और किसी ने वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा करने में !
लेकिन इस लड़की के देसी लुक के कारण नवभारत टाइम्स जैसी वेबसाइट ये तस्वीरें लगा रखी हैं, ये बात तो जमती हैं. लेकिन ये बात हजम नहीं होती कि चुनाव आयोग का डेटा जो बेहद सुरक्षित माना जाता हैं, जिसमें एक शब्द घटाने या बढ़ाने को लेकर मतदाता को लंबी एप्लिकेशन लिखनी पड़ती है, उसमें मात्र दो बूथों की वोटर लिस्ट में 22 बार इस लड़की का एक ही फोटो कैसे इस्तेमाल किया गया?
क्या किसी ने वोटर लिस्ट को अपने मन मुताबिक बनाने का ठेका एक ऐसी एजेंसी को दे दिया, जिसके नौसिखिया डेटा एंट्री ऑपरेटर ने एक ही बूथ की लिस्ट में फर्जी वोटर की फोटो की जगह इस लड़की का फोटो चिपका दिया! और सारा खेल गुड़ गोबर हो गया.
तो फिर गलती है किसकी ? क्या गलती उस पार्टी की है जो अपने मन मुताबिक वोटर लिस्ट में हेरफेर करवाती है? क्या गलती चुनाव आयोग की है, जिसे ऐसे फर्जीवाड़े करने की आदत लग चुकी है, जिसके कारण अब लोग उसे चूना आयोग बोलने लगे हैं? या गलती बिचारे उस अदने से डेटा एंट्री ऑपरेटर से हुई है ? नहीं भाई साहब, सारी गलती तो हमारी है, जो 2025 में निष्पक्ष चुनाव का भरम मन में पाले रहते हैं.
डिस्क्लेमर : यह लेख लेखक के सोशल मीडिया से साभार लिया गया है.
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