1-30 सितंबर तक चल रहे पोषण माह को लेकर विभाग ने साझा की उपलब्धियां
Ranchi : समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि निश्चित रूप से केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारने में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं का अहम रोल है. विभाग यह हमेशा प्रयास में लगी रहती है कि इनको वेतन-मानदेय नियमित रूप से मिले. राज्य सरकार के हिस्से का भुगतान नियमित हो रहा है. रही बात केंद्र सरकार के हिस्से की, तो उपयोगिता प्रमाण पत्र भेज दिया गया है. जल्द राशि आ जाएगी और दुर्गा पूजा तक सभी बकाया का भुगतान हो जाएगा. पहले क्या हुआ, वह मुझे पता नहीं, मगर मेरे निदेशक बनने के बाद मेरी पहली प्राथमिकता सेविका और सहायिकाओं के नियमित भुगतान को लेकर है. उक्त बातें शशि प्रकाश झा ने प्रोजेक्ट भवन में राज्य में चल रहे पोषण माह को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में कही.
राज्य के 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों में 34 लाख लाभार्थियों को टीएचआर दिया जा रहा है
निदेशक शशि प्रकाश झा ने पोषण माह की जानकारी देते हुए कहा है कि हर साल की तरह इस साल भी पोषण माह का आयोजन पूरे प्रदेश में प्रखंड स्तर तक किया जा रहा है. इस वर्ष का थीम सुपोषित झारखंड, साक्षर झारखंड और सशक्त झारखंड है. हमने भगवान बिरसा मुंडा के पवित्र गांव से इस मिशन की शुरुआत की है. उन्होंने बताया कि लक्षित लाभार्थियों का पोषण सुधारने के लिये हमारे यहां टीएचआर यानी कि टेक होम राशन में उचित पोषण सुनिश्चित किया गया है. हम हर महीने 38432 आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा 34 लाख से अधिक लाभार्थियों को टीएचआर के तहत सेवा प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पोषण माह के दौरान हर गोदाम की निगरानी पोषण ट्रैकर में सभी लाभार्थियों की डिजिटल डेटा एंट्री भी सुनिश्चित की गयी है, ताकि हम वास्तविक समय में निगरानी कर सकें और जान सकें कि किन लोगों को टीएचआर दिया गया है. कुछ इसी तरह से सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी हर दिन 3-6 साल के बच्चों को गर्म पका हुआ भोजन और नाश्ता का वितरण भी कराया जाता है. विभाग की ओर से बच्चों की नियमित निगरानी के साथ गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 0-6 वर्ष के बच्चों को सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.
पोषण माह में मिलेट्स खाद्य पदार्थों को भी शामिल करने का हो रहा प्रयास
निदेशक झा ने बताया कि राज्य भर में पोषण माह के दौरान कई अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है. अब तक राज्यभर में 6.76 लाख से अधिक गतिविधियां की जा चुकी हैं. सेविका, हेल्पर, सभी सीडीपीओ, ऑब्जर्वर, डीएसडब्ल्यूओ, यूनिसेफ और अन्य विभागों का सहयोग लिया जा रहा है. हम सभी 224 योजनाओं से प्रत्येक सेविका और सहायिका को बेहतर प्रदर्शन के लिये नकद पुरस्कार भी देने जा रहे हैं. निदेशक ने मिलेट्स के खाद्य पदार्थों को भी शामिल करने की बात कही, ताकि पोषाहार को ज्यादा बल मिल सके.
कुपोषण को दूर करने की ओर सरकार के बढ़ते कदम
शशि प्रकाश झा ने बताया कि झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभुकों की प्राथमिकता सूची तैयार की गयी है, जिसमें अति विशिष्ट पिछड़ी जाति, विधवा, परित्यक्ता, ट्रांसजेंडर, 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति , कैंसर, एड्स, कुष्ठ या अन्य असाध्य रोग से ग्रसित व्यक्ति के लिये स्कूल में मध्याह्न भोजन, खाद्य सुरक्षा अधिनियम राशन कार्ड की सेवाएं प्रदान की गयी हैं. वहीं आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं सहित 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराया जा रहा है. योजनाओं में पंचायत की भूमिका को पूरी तरह से सक्रिय किया गया है. व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया जा रहा है. साथ ही जिले की वेबसाइट पर भी इसका प्रकाशन सुनिश्चित किया गया है.
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