Dhanbad : झारखंड अभिभावक संघ धनबाद की ओर से प्रतिनिधिमंडल कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय के नेतृत्व में जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिला और कई मुद्दों पर चर्चा की. झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम-2017 पूरे राज्य में जनवरी 2019 से लागू है. इस कानून की अनदेखी कर स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं. ना तो स्कूल फीस कमेटी बनी न ही जिला कमेटी.
उपायुक्त का आदेश नहीं मानते स्कूल
झारखंड सरकार द्वारा पारित आदेश पत्रांक संख्या 1006 / 25.06.2020 एवं धनबाद जिला उपायुक्त द्वारा लिखित आदेश पत्रांक संख्या 1789 को भी स्कूल मानने से साफ इंकार कर रहे हैं. धनबाद के अभिभावक जानना चाहते हैं कि आखिर क्या कारण है जो प्रशासन अपने ही द्वारा दिए गए आदेश का नहीं पालन करा पा रहा है. ओमिक्रान वैरिएंट के बढ़ते केस को देखते हुए सभी स्कूलों के विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए स्कूलों द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा की जानी चाहिए.
वार्षिक शुल्क क्यों मांग रहे स्कूल
जिलापरिवहन पदाधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा गया. जिले के नामचीन स्कूलों द्वारा आजकल गार्जियन को मैसेज भेजा जा रहा है कि सरकारी आदेशानुसार सभी को वार्षिक शुल्क जमा करना है. संघ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक से आग्रह किया कि स्कूलों से जानकारी प्राप्त की जाए कि सरकार के किस आदेश के अनुसार वह इस फ़ीस का डिमांड कर रहे हैं. इस मौके पर कैप्टन सहाय के साथ राजेश मंडल, मनोज सिन्हा आदि मौजूद थे.