- आठ माह से एफसीआई राज्य सरकार को नहीं दे रहा चावल
- बाहर से दो रुपये प्रति किलो महंगा चावल खरीद कर वितरित कर रही प्रदेश सरकार
- राज्य के खजाने पर पड़ रहा लाखों रुपये प्रतिमाह का अतिरिक्त बोझ
- ग्रीन राशन कार्ड धारकों को प्रतिमाह 5 किलो दिया जा रहा चावल
केंद्र ने खींचा हाथ तो निकाले गए टेंडर
भारत सरकार द्वारा संचालित भारतीय खाद्य निगम की ओर से राज्य सरकार को ग्रीन राशन कार्डधारियों के लिए अनाज उपलब्ध कराने से अचानक इनकार करने के बाद राज्य में चावल वितरण योजना पर प्रतिकूल असर पड़ा. पर्याप्त आपूर्ति न होने के कारण गरीबों को चावल नहीं मिल सका. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से टेंडर निकाल कर चावल खरीद प्रकिया पूरी की गई. तब जाकर फिर से राशन मिलना शुरू हो पाया.क्या कहते हैं मंत्री रामेश्वर उरांव
झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि एफसीआई ने अचानक राशन देना बंद कर दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर अनाज उपलब्ध कराना शुरू किया. सरकार 35 रुपये प्रति किलो की दर से चावल खरीद रही है. अब यही चावल 39 रुपये प्रति किलो पड़ रहा है. जिसमें पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टिंग की लागत भी शामिल है.कर्नाटक का भी यही हाल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने कर्नाटक की जनता से सत्ता में आने पर मुफ्त अनाज वितरण का ऐलान किया था. लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आने पर एफसीआई ने अनाज उपलब्ध कराने में असमर्थता जता दी. इसके बाद कर्नाटक सरकार ने वहां की जनता को अनाज के बदले पैसे देने का ऐलान कर दिया.एफसीआई को जानें
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) भारत सरकार द्वारा संचालित निकाय है. यह संसद द्वारा खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के अधिनियम द्वारा गठित उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन है. इसका काम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत देशभर में खाद्यान्न वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्नों के बफर स्टॉक को बनाए रखना और वितरण करना है.योजनाओं को राजनीतिक चश्मे से देखती है भाजपा : दीपिका
महगामा से कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है. वह गैर भाजपा शासित राज्यों में चल रही गरीबों के कल्याण की योजनाओं को राजनीतिक चश्मे से देखती है. कर्नाटक सरकार को भी एफसीआई ने अतिरिक्त अनाज देने से इनकार कर दिया है. हेमंत सरकार को गरीबों की चिंता है. इसलिए एफसीआई को अनाज देने से इनकार करने के बाद भी सरकार ने बाजार से अनाज खरीद कर ग्रीन राशन कार्ड के लाभुकों को अनाज दे रही है.केंद्र के अड़ंगों के बाद भी दे रहे राशन : सुदिव्य
गिरिडीह से झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि एफसीआई केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्रालय के अधीन है. विपरीत परिस्थितियों और केंद्र की भाजपा सरकार के तमाम अड़ंगों के बाद भी गरीबों तक राशन पहुंचाने का काम हेमंत सरकार कर रही है. राज्य सरकार ने एक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लोगों तक राशन पहुंचाने का काम किया है.मुझे कोई जानकारी नहीं : संजय सेठ
रांची के भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है कि एफसीआई ने राज्य सरकार को अनाज देना बंद कर दिया है. इसकी जानकारी लेकर आपको बताता हूं.एफसीआई अनाज नहीं दे रहा, मुझे नहीं पता : सीपी सिंह
ग्रीन राशन कार्ड धारकों के लिए एफसीआई की ओर से अतिरिक्त अनाज दिया जा रहा है अथवा नहीं, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है. केंद्र की ओर से पांच किलो राशन दिया जा रहा था. इसकी तो जानकारी है.किस जिले में कितने लाभार्थी
जिला परिवार सदस्य बोकारो 1617 29443 चतरा 904 17853 देवघर 995 20289 धनबाद 1618 40169 दुमका 1038 19939 पूर्वी सिंहभूम 1426 30241 गढ़वा 950 19441 गिरिडीह 1948 31135 गोड्डा 1087 18906 गुमला 726 12484 हजारीबाग 1381 20636 जामताड़ा 624 12409 कोडरमा 596 9976 लातेहार 556 9976 लोहरदगा 396 7825 पाकुड़ 676 14454 पलामू 1564 28053 रांची 2132 33046 साहिबगंज 957 16022 सरायकेला 743 17267 सिमडेगा 485 7449 प. सिंहभूम 1213 29512 खूंटी 514 9291 रामगढ़ 656 11215 कुल 24802 466591 इसे भी पढ़ें – रात">https://lagatar.in/court-sitting-at-night-teesta-setalvad-gets-relief-from-supreme-court-stay-on-high-courts-order/">रातमें बैठी अदालत, तीस्ता सीतलवाड़ को मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक [wpse_comments_template]
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