Koderma: जर्मन राजदूत वाटर जे लिंडर अपनी टीम के साथ शुक्रवार को कोडरमा प्रखंड के मेघातरी पंचायत के करहरिया गांव पहुंचे. उन्होंने लीड्स संस्था के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विभिन्न कार्यों की जानकारी ली. इसके पूर्व जर्मन राजदूत के कोडरमा आने पर डीसी आदित्य रंजन ने बुके देकर उनका स्वागत किया. करहरिया गांव में जर्मन राजदूत लिंडर ने कहा कि गांव के बच्चों, युवाओं और महिलाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार को लेकर काफी उत्साह है. ऐसा ग्रामीण क्षेत्रों में कम ही देखने को मिलता है. यहां के लोग काफी मेहनती और परिश्रमी हैं. इसे भी पढ़ें- झामुमो">https://lagatar.in/jmm-mla-lobin-hebrem-i-am-hurt-by-cms-statement-entire-jharkhand-is-burning-the-letter-of-1932-should-be-implemented/">झामुमो
विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा- सीएम के बयान से आहत हूं, पूरा झारखंड जल रहा है, 1932 का खतियान लागू हो लीड्स के प्रोजेक्ट इंचार्ज सन्तोष कुमार ने बताया कि लीड्स की मदर एनजीओ टीडीएच है. जो जर्मनी की है. इस मदर एनजीओ के द्वारा लीड्स को वित्त प्रदान की जाती है. जिले में 10 गांवों में लीड्स के द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं के लिए कौशल विकास से सम्बंधित कार्य किया जा रहा है. इसमें करहरिया के अलावा खरकोटा पंचायत और कोलगरमा पंचायत के दो-दो गांव हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना के दूसरे लहर में पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स सेंटर की शुरुआत की गई है. जिसमे स्थानीय वोलेंटियर्स के द्वारा बच्चों को शिक्षा दिलाने का कार्य किया गया है. मौके पर जर्मन राजदूत के अलावा क्रिस्टीना हिरोनिम्स, मरियम जेनरल, सन्तोष कुमार, उमेश कुमार, दिलीप कुमार और दीपक कुमार मौजूद थे. इसे भी पढ़ें- हटिया">https://lagatar.in/hatia-mla-naveen-jaiswal-ended-the-hunger-strike-of-vaishya-morcha/">हटिया
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करहरिया गांव के लोग काफी मेहनती और परिश्रमी हैं : जर्मन राजदूत

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