Patna: जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर का पद यात्रा जारी है. वे लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें अपनी रणनीति बताते हैं. साथ ही वे दावा भी करते हैं. इस दौरान वे महागठबंधन और एनडीए दोनों पर हमला बोलते हैं. इसी क्रम में राजद पर निशाना साधा. लालू यादव पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोगों में एक डर बैठाया गया है कि कोई गरीब आदमी चुनाव नहीं जीत सकता है. लालू यादव को यादव और मुस्लिम इसलिए वोट नहीं देते हैं, क्योंकि वे उन्हें पसंद करते हैं, बल्कि भाजपा से डरकर वोट देते हैं. उन्होंने कहा कि एक बार अगर उनके (मुस्लिम समाज के) अंदर से यह डर निकल गया और दूसरा विकल्प मिल गया, तो जैसे पुरानी लालटेन से केरोसिन निकलता है, वैसे ही इस लालटेन से केरोसिन निकलने लगेगा.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज अब समझ गया है कि हम तो कैरोसिन तेल हैं. हमारे बच्चों का भविष्य जल रह है और रोशनी किसी और के घर पर हो रही है. उन्होंने आगे कहा कि यही हाल भाजपा और एनडीए का है. एनडीए को वोट देने वालों में सबसे अधिक संख्या उनकी है, जो लालू राज से डरकर के उन्हें वोट देते हैं. उन्होंने दावा किया कि अब जनता एनडीए और राजद की राजनीतिक बंधुआ मजदूरी को तोड़कर निकलेगी और 2025 में जनता अपना राज स्थापित करेगी. प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि वह सिर्फ एक पार्टी नहीं बना रहे, बल्कि बिहार के लोगों को अपने बच्चों के बेहतर भविष्य, रोजगार व पलायन जैसे मुद्दों के लिए एक आंदोलन खड़ा करने में मदद कर रहे हैं. पीके ने कहा कि मैं बिहार के लोगों को लालू, नीतीश और भाजपा के 30 सालों के शासन से मुक्त कराने में मदद कर रहा हूं.
पार्टी में मेरी भूमिका पहले जैसी ही रहेगी
पीके ने पार्टी में अपनी भूमिका पर कहा कि पार्टी में मेरी भूमिका पहले जैसी ही रहेगी. पहले मैं राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए रणनीति तैयार करता था और अब बिहार की जनता की मदद कर रहा हूं, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए काम कर रहा हूं. उन्होंने दावा किया कि देश के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा एक करोड़ लोग मिलकर एक दल बनाएंगे. दो अक्तूबर को बिहार के एक करोड़ लोग इस पार्टी के गठन के लिए इकट्ठा होंगे. यह एक ऐतिहासिक घटना होगी. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार को केंद्र से कोई ठोस लाभ दिलाने में पूरी तरह विफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार जदयू पर निर्भर है, इसके बावजूद नीतीश कुमार बिहार को कोई ठोस लाभ दिलाने में असफल रहे.
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