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हाईकोर्ट में विक्रमादित्य आयोग की रिपोर्ट दाखिल होते ही शुरू होगा सरकार की अस्थिरता का दौर : सरयू

Ranchi : विधायक सरयू राय ने दावा किया है कि विधानसभा नियुक्ति मामले में विक्रमादित्य आयोग की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल होते ही हेमंत सरकार की अस्थिरता का दौर शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा नियुक्ति में गड़बड़ी मामले में सरकार के मंत्री आलमगीर आलम भी अभियुक्त हैं. आलमगीर उस वक्त विधानसभा के अध्यक्ष थे. रिपोर्ट पेश होने के बाद सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाएगी. संभव है कि आलमगीर को स्वतंत्र उच्चस्तरीय आपराधिक जांच का भी सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि जस्टिस विक्रमादित्य आयोग ने आईपीसी की धारा 120(A), 166, 167, 196, 464 के तहत जिन दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की अनुशंसा की है, उनमें विधानसभा के वर्तमान प्रभारी सचिव के साथ आलमगीर आलम भी शामिल हैं.

विधानसभा नियुक्ति घोटाले के खुलासे के बाद क्या-क्या हुआ

सरयू राय ने कहा कि विधानसभा नियुक्तियों में घोटाले का खुलासा उन्होंने 11 सितंबर 2007 को बोकारो में किया था. उनके पास सबूत के तौर पर सीडी भी थी. इसके बाद 12 सितंबर को आलमगीर आलम ने उन्हें साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए पत्र लिखा था. फिर 13 सितंबर को कांग्रेस के तत्कालीन प्रवक्ता ने सीडी को सार्वजनिक करने की मांग की. तब उन्होंने सीडी सार्वजनिक कर दी थी. मामले की जांच के लिए तत्कालीन विधायक राधाकृष्ण किशोर के नेतृत्व में कमेटी बनी. वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो भी जांच समिति के सदस्य थे. इस समिति ने जांच रिपोर्ट में घोटाले की जांच स्वतंत्र समिति से कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद जस्टिस विक्रमादित्य आयोग ने जांच की और 2018 में इसकी रिपोर्ट दी. इसे भी पढ़ें – ट्रांसमिशन">https://lagatar.in/cm-should-relieve-transmission-corporation-md-kk-verma-kislay-tiwari/">ट्रांसमिशन

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