विधानसभा नियुक्ति घोटाले के खुलासे के बाद क्या-क्या हुआ
सरयू राय ने कहा कि विधानसभा नियुक्तियों में घोटाले का खुलासा उन्होंने 11 सितंबर 2007 को बोकारो में किया था. उनके पास सबूत के तौर पर सीडी भी थी. इसके बाद 12 सितंबर को आलमगीर आलम ने उन्हें साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए पत्र लिखा था. फिर 13 सितंबर को कांग्रेस के तत्कालीन प्रवक्ता ने सीडी को सार्वजनिक करने की मांग की. तब उन्होंने सीडी सार्वजनिक कर दी थी. मामले की जांच के लिए तत्कालीन विधायक राधाकृष्ण किशोर के नेतृत्व में कमेटी बनी. वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो भी जांच समिति के सदस्य थे. इस समिति ने जांच रिपोर्ट में घोटाले की जांच स्वतंत्र समिति से कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद जस्टिस विक्रमादित्य आयोग ने जांच की और 2018 में इसकी रिपोर्ट दी. इसे भी पढ़ें – ट्रांसमिशन">https://lagatar.in/cm-should-relieve-transmission-corporation-md-kk-verma-kislay-tiwari/">ट्रांसमिशननिगम के एमडी केके वर्मा को पदमुक्त करें सीएम : किसलय तिवारी [wpse_comments_template]

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