Saurav singh
Ranchi : झारखंड पुलिस में आर्म्ड फोर्स की हालत खराब है. दुर्दशा वाली स्थिति है. बात चाहे झारखंड आर्म्ड पुलिस (JAP) की हो या फिर इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB), SIRB या स्टेट इंडस्ट्रीयल सिक्यूरिटी फोर्स (SISF) की. सब जगह स्थिति दुर्दशा वाली ही है. केंद्र सरकार से राशि मिलने पर झारखंड सरकार ने नयी-नयी आर्म्ड फोर्स के बटालियन का गठन तो कर लिया है, लेकिन उनमें कामकाज सुचारु रूप से हो इसकी व्यवस्था करना भूल गई.
बटालियन में कमांडेंट तक की पोस्टिंग नहीं की जाती है. झारखंड पुलिस में जैप, आईआरबी और एसआईआरबी की कुल 21 बटालियन है. 12 बटालियन में कमांडेंट ही नहीं है. जैप और आईआरबी के 4 बटालियन में कमांडेंट नहीं है. इसके अलावा जैप, आईआरबी, एसआईआरबी और एसआईएसएफ के 8 बटालियन में कमांडेंट का पद प्रभार में चल रहे है.
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21 बटालियन चार में कमांडेंट नहीं, आठ प्रभार के भरोसे
झारखंड में आर्म्ड फोर्स की 21 बटालियन चार में कमांडेंट नहीं है और आठ के कमांडेंट का पद प्रभार के भरोसे चल रहे है. जिस बटालियन में कमांडेंट के पद खाली हैं, उसमें जैप- 8 पलामू, आईआरबी- 1 जामताड़ा, आईआरबी- 8 गोड्डा और आईआरबी- 10 पलामू शामिल है.
जिन 8 बटालियनों में कमांडेंट नहीं हैं, लेकिन काम चलाने के लिये किसी एसपी रैंक के अफसर को कमांडेंट का प्रभार दिया गया है, उनमें जैप -4 बोकारो और एसआईएसएफ का प्रभार बोकारो एसपी को है. जैप -7 हजारीबाग का प्रभार हजारीबाग एसपी को है. आईआरबी -3 चतरा का प्रभार चतरा एसपी को है. आईआरबी- 4 लातेहार का प्रभार लातेहार एसपी को है. आईआरबी -9 गिरिडीह का प्रभार गिरिडीह एसपी को है. एसआईआरबी -1 दुमका का प्रभार दुमका एसपी को है. और एसआईआरबी -2 खूंटी का प्रभार खूंटी एसपी को दिया गया है.
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समय पर वेतन नहीं मिलता जवानों को
जिन बटालियन में कमांडेंट की पोस्टिंग नहीं हुई है, वहां के जवानों के समय पर वेतन भी नहीं मिल पाता है. इसके अलावा वित्तीय वर्ष की योजनाओं का क्रियान्वयन भी नहीं हो पा रहा है. इसी तरह जिन बटालियनों में कमांडेंट का पद प्रभार के भरोसे हैं, वहां भी नियमित काम नहीं हो पाते हैं. क्योंकि जिन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, वह जिला के एसपी हैं. जिले के एसपी के पास खुद का इतना ज्यादा काम होता है कि वह प्रभार वाले बटालियन पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दे पाते हैं.
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