LagatarDesk : देशभर में महंगाई चरम पर है. पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिसकी वजह से आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है. लेकिन कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है. ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 101.8 डॉलर प्रति बैरल बिक रहा है. वहीं डब्लूटीआई क्रूड के दाम 92.56 डॉलर है. यह 2 अगस्त के बाद का उच्चतम स्तर है. (पढ़ें, प्रेम प्रकाश मामला : भाजपा ने सरकार और रांची पुलिस के खिलाफ ट्विटर पर खोला मोर्चा)
मंदी की आशंका और ईरान की तेल सप्लाई की खबर से आयी तेजी
दरअसल ईरान द्वारा कच्चे तेल की सप्लाई शुरू किये जाने की संभावना के बाद सउदी अरब ने ओपेक प्लस देशों द्वारा उत्पादन में कटौती की वकालत की है. ऐसे में माना जा रहा है कि ईरान फिर से कच्चे तेल की सप्लाई शुरू कर सकता है. दूसरी तरफ विकसित देशों में मंदी की आशंका भी गहरा गयी है. इन दोनों खबरों के बाद कच्चे तेल के दामों में तेजी आयी है.
सरकारी तेल कंपनियां बढ़ा सकती हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
कच्चे तेल के दामों में आयी तेजी से भारत की परेशानी बढ़ सकती है. इस उछाल के बाद सरकारी तेल कंपनियों का नुकसान बढ़ने की आशंका है. ऐसे में सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं. क्योंकि भारत कच्चे तेल का बड़ा आयातक है. यह अपनी जरूरत का 85 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदता है. आयात किये जा रहे कच्चे तेल की कीमत भारत को अमेरिकी डॉलर में चुकानी होती है. ऐसे में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल के दाम प्रभावित होंगे. यानी ईंधन महंगे होने लगेंगे.
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अप्रैल-जून तिमाही में सरकारी तेल कंपनियों को 18000 करोड़ का नुकसान
बता दें कि हाल ही में कच्चे तेल के दामों में तेजी आयी थी. लेकिन कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाये थे. इसकी वजह से कंपनियों को नुकसान हो रहा था. नतीजा यह हुआ कि 2022-23 के अप्रैल से जून तिमाही के दौरान तीनों सरकारी तेल कंपनियों को 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा है.
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मूडीज एनालटिक्स और सिटीग्रुप ने कच्चे तेल के दाम में गिरावट की जतायी थी आशंका
मालूम हो कि हाल ही में मूडीज एनालटिक्स और सिटीग्रुप ने कहा था कि कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट आ सकती है. मूडीज के मुताबिक, 2024 के अंत तक कच्चे तेल के दाम 70 बैरल प्रति बैरल तक नीचे आ सकता है. वहीं सिटीग्रुप ने कहा था कि 2022 के आखिर तक कच्चे तेल के दाम फिसलकर 65 डॉलर प्रति बैरल तक गिर सकता है. इस खबर के बाद माना जा रहा था कि आम जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिलेगी. लेकिन कच्चे तेल के दामों ने फिर से यूटर्न ले लिया है.
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