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Ranchi : झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने संत जेवियर कॉलेज में चल रहे तीन दिवसीय सेमिनार के आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि भविष्य में विकास की गति बनी रहे, इसके लिए नई तकनीकी और नई खोज की ओर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है. इस दिशा में यह सेमिनार उपयोगी सिद्ध होगा. उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा सीमित है. लेकिन विकास के लिए इसका लगातार दोहन किया जा रहा है. हमें वैकल्पिक व्यवस्था की दिशा में कार्य करना पड़ेगा. इस सेमिनार में भाग लेने वाले अनुभवी लोग इस दिशा में अपने विचार साझा करेंगे.
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सेंट जेवियर्स कॉलेज का इतिहास गौरवशाली रहा है – राज्यपाल
इससे आगे राज्यपाल ने कहा कि सेंट जेवियर्स कॉलेज का गौरवशाली इतिहास रहा है. यहां के विद्यार्थियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है. यह बहुत गर्व कि बात है कि सेंट जेवियर्स कॉलेज के भौतिकी विभाग की स्थापना 1944 ई. में हुई थी. भौतिकी विभाग समेत अन्य विद्यार्थियों को भी इस सेमिनार से विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नए बदलाव की जानकारी उन्हें मिलेगी. इससे वे नए प्रयोग, नई खोज और नई तकनीक विकसित करने के लिए प्रेरित होंगे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और लगातार प्रोत्साहित करते रहते हैं. चन्द्रयान-2 के पूर्ण रूप से सफल नहीं होने पर उन्होंने वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया और फिर चन्द्रयान-3 का सफल लैंडिंग हुआ. माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज भारत विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का देश बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने ”विकसित भारत 2047” का नारा दिया है. राज्यपाल महोदय ने सभी से उत्साहपूर्वक विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए सभी से आह्वान किया.
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कंडेंस्ड मैटर रिसर्च सोसाइटी (सीएमआरएस) के सहयोग से संत जेवियर्स कॉलेज के भौतिकी विभाग ने सेमिनार का आयोजन हुआ. यह तीन दिवसीय सेमिनार है. जिसका नाम उपन्यास सामग्री में प्रगति सतत भविष्य की ओर रखा गया है. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन रहे. वहीं बतौर विशिष्ट अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजीत कुमार सिन्हा और रांची प्रान्त प्रोविंशियल फादर अजीत कुमार खेस एसजे शामिल रहे. कॉलेज के प्राचार्य फादर नबोर लकड़ा भी शामिल रहे. वक्ता प्रो. राजीव सिंह, भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग, यूसी डेविस, कैलिफ़ोर्निया, यूएसए ने क्वांटम सामग्री का वादा विषय पर व्याख्यान दिया. आगे उन्होंने कहा कि सुपरकंडक्टर्स, सुपर-फ्लूइड्स, टोपोलॉजिकल सामग्रियों और स्पिन-तरल पदार्थों के तकनीकी अनुप्रयोगों के बारे में चर्चा की. सम्मेलन के आमंत्रित वक्ताओं में से एक, किंग अब्दुल्ला विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, जेद्दा, सऊदी अरब से के राफिया अहमद ने स्वच्छ हाइड्रोजन श्रोतों का उपयोग करके मूल्यवान ईंधन में कार्बन डाइऑक्साइड की खोज के बारे में चर्चा की. इस विश्वविद्यालय के एक और वक्ता मोहम्मद बाबर ने तेल और गैस क्षेत्र में स्थिरता के बारे में विचार-विमर्श किया. डॉ. सिमरजीत सिंह, मैरी क्यूरी फेलो, एप्लाइड फिजिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, आइंडहोवन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, नीदरलैंड्स ने वैलीट्रॉनिक ट्रांजिस्टर डिजाइन करने के बारे में चर्चा की, जो अगली पीढ़ी के कंप्यूटिंग और सूचना प्रसंस्करण उपकरणों के लिए शानदार संभावनाएं प्रदान करता है.
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