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सीडीपीओ मुख्य परीक्षा के 10 माह बाद भी नहीं आया रिजल्ट, अभ्यर्थी परेशान

Ranchi: आजसू पार्टी आजसू ने सरकार की वादाखिलाफी को लेकर सरकार पर हमला बोला है. पार्टी के महासचिव सह प्रवक्ता संजय मेहता ने प्रेस कांफ्रेंस में राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार केवल कोर्ट की फटकार के बाद ही नियुक्ति और परीक्षा संबंधी निर्णय लेती है.

 

चाहे जेपीएससी, जेएसएससी, जेटेट, सहायक आचार्य नियुक्ति हो या नगर निकाय और अनुबंध कर्मियों का नियमितीकरण  सभी मामलों में यही हाल है. पार्टी ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सरकार ने अपने लोकतांत्रिक कर्तव्यों की अनदेखी कर दी है.

 

झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा आयोजित सीडीपीओ नियुक्ति परीक्षा का परिणाम जारी होने में लंबी देरी हो रही है. आयोग ने 64 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया आठ जून 2023 को शुरू की थी. इसके तहत 10 जून 2024 को प्रारंभिक परीक्षा ली गई और 27 जून को मॉडल आंसर जारी किया गया.

 

संशोधन के बाद 15 जुलाई को प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ. इसके बाद दो से चार अगस्त 2024 तक मुख्य परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी परिणाम जारी नहीं हुआ है. इन पदों में 32 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. प्रारंभिक परीक्षा में सफल 1590 अभ्यर्थियों में से 1511 ने मुख्य परीक्षा दी थी. अब वे सभी परिणाम की प्रतीक्षा में हैं.

 

2016 के बाद से जेटेट परीक्षा नहीं, अभ्यर्थी मायूस

राज्य गठन के बाद झारखंड में अब तक सिर्फ दो बार शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) आयोजित हुई है. पहली बार 2013 में जिसमें 68 हजार अभ्यर्थी पास हुए और दूसरी बार 2016 में, जिसमें 53 हजार अभ्यर्थी सफल हुए. इसके बाद से अब तक परीक्षा नहीं होने से हजारों प्रशिक्षित अभ्यर्थी मायूसी में हैं. अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि जेटेट का आयोजन शीघ्र किया जाए.

 

जेईटी नोटिफिकेशन में कई विषय शामिल नहीं, संशोधन की मांग

जेपीएससी ने जेट 2024 के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. इस परीक्षा के जरिए सहायक प्राध्यापक नियुक्ति और पीएचडी प्रवेश होंगे. लेकिन बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोलॉजी, फाइन आर्ट्स, फिजिकल एजुकेशन, एमबीए (एग्रीबिजनेस) जैसे विषय इसमें शामिल नहीं हैं. अभ्यर्थियों ने सरकार से इन विषयों को भी अधिसूचना में शामिल करने की मांग की है.

 

आउटसोर्सिंग प्रथा बंद कर सीधी नियुक्ति की मांग

आजसू ने सरकार से कहा कि आउटसोर्सिंग ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए. निजी कंपनियां कर्मियों का शोषण करती हैं, उन्हें समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिलता और आरक्षण रोस्टर का पालन भी नहीं होता. विस्थापित क्षेत्रों की कंपनियों से विस्थापितों को रोजगार देने की भी मांग की गई.

 

यूपीएससी की तर्ज पर जेपीएससी में ‘प्रतिभा सेतु’ बनाने की मांग

आजसू ने सुझाव दिया कि जेपीएससी भी यूपीएससी की तरह प्रतिभा सेतु प्लेटफॉर्म बनाए. यूपीएससी में जो अभ्यर्थी सभी चरण पास करने के बाद अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाते, उन्हें सत्यापित नियोक्ताओं से जोड़ा जाता है.

 

पार्टी ने उदाहरण दिया कि जेपीएससी की 11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 342 पदों पर 864 अभ्यर्थियों ने इंटरव्यू दिया, लेकिन 522 अभ्यर्थी अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाए. ऐसे मेधावी छात्रों की प्रतिभा का उपयोग राज्य विकास में हो, इसके लिए सरकार को पोर्टल बनाकर उन्हें बड़े संस्थानों और योजनाओं से जोड़ना चाहिए.

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