Ranchi : निर्वाचन सदन में शनिवार से पांच दिवसीय प्रशिक्षण सह प्रमाणन कार्यक्रम की शुरुआत हुई. 5 से 9 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में नव पदस्थापित आरओ व एआरओ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. शनिवार को प्रशिक्षण के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को अधिक समय तक कतार में खड़ा न रहना पड़े इस उद्देश्य से मतदान प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास करना है. इसके लिए वोटिंग कंपार्टमेंट के अंदर चेन सिस्टम के आधार पर मतदाताओं के मतदान प्रक्रिया को पूर्ण कराना है. उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप सभी पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे मतदान प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिलेगी.
कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न होने पाये
उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखना है कि कोई भी मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न होने पाए. के. रवि कुमार ने कहा कि शांतिपूर्ण, स्वच्छ व निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया में आरओ व एआरओ की अहम भूमिका होती है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उनके कर्तव्यों से संबंधित सभी बिंदुओं पर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. पदाधिकारी इन दिशा निर्देशों का गहन अध्ययन करते हुए इनका अपने कर्तव्य क्षेत्र में अनुपालन करना सुनिश्चित करें. उन्होंने मतदान केंद्रों की तैयारियों, केंद्रों पर उपस्थित व्यवस्था का निरीक्षण, वोटर स्लिप के ससमय सम्यक वितरण, बीएलओ के स्तर पर किए जाने वाले चुनाव पूर्व की तैयारियों आदि निर्वाचन से जुड़े विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला.
निर्वाचन से संबंधित विषयों का क्रमवार प्रशिक्षण दिया जायेगा
पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के दौरान राष्ट्रीय स्तर के मुख्य प्रशिक्षकों द्वारा विभिन्न सत्रों में पदाधिकारियों को निर्वाचन से संबंधित विषयों का क्रमवार प्रशिक्षण दिया जाना है. जिसमें उन्हें निर्वाचन संबंधी विषयों यथा उम्मीदवारों की योग्यता व अयोग्यता, चुनाव चिह्न आवंटन, नामांकन संबंधित निर्देश, आपराधिक पूर्ववृत्त, ई रोल, वल्नरेबलिटी मैपिंग, ईवीएम व वीवीपैट का प्रशिक्षण, आदर्श आचार संहिता, व्यय प्रबंधन, स्वीप, पोलिंग पार्टी का व्यवस्थापन, पोस्टल बैलट, पेड न्यूज, एमसीएमसी, मतगणना आदि विषयों पर बिंदुवार प्रशिक्षण दिये जायेंगे. प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य स्तरीय प्रशिक्षक गीता चौबे, एस एन जमील सुनील कुमार ने अपने संबंधित विषयों पर निर्धारित सत्रानुसार श्रव्य–दृश्य मध्यम के जरिए रेखांकित किया.