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झारखंड के आदिवासियों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता : डॉ. मिथिलेश

विभावि में आजादी का अमृत महोत्सव पर जनजातीय सशक्तीकरण पर समारोह शिक्षाशास्त्र के विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम से बांधा समां Hazaribagh :  विनोबा भावे विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में सोमवार को आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत जनजातीय सशक्तीकरण विषय पर समारोह आयोजित किया गया. यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय शिक्षा शास्त्र विभाग के तत्वावधान में किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सह मानविकी के संकायअध्यक्ष प्रोफेसर मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड के आदिवासियों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है. अंग्रेजों के विरुद्ध आदिवासियों ने ही सबसे पहले आजादी की लड़ाई की अलख जगाई थी. आज यह सोचने की जरूरत है कि आदिवासी अशक्त किन कारणों से हुए हैं. उनके सशक्तीकरण की नौबत क्यों आन पड़ी. इसे भी पढ़ें :मनोहरपुर">https://lagatar.in/manoharpur-bjp-leaders-took-out-the-tricolor-yatra-saluted-the-brave-martyrs/">मनोहरपुर

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आदिवासी प्रकृति का दोहन नहीं, पूजते हैं : डॉ. मारग्रेट लकड़ा

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिक्षाशास्त्र विभाग के निदेशक डॉ कृष्ण कुमार गुप्ता ने कहा कि जनजाति समाज प्रकृति से जुड़ा हुआ है. उनसे बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. समाज के सभी वर्गों में जागरूकता आने से ही सशक्तीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. विभाग के पूर्व निदेशक एवं जनजातीय मामलों के राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ डॉ मारग्रेट लकड़ा ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का दोहन नहीं करते, वरन पूजा करते हैं. इस समाज में प्रतिभा की कमी नहीं है. परंतु जनजाति समाज विभेदीकरण की समस्या से पीड़ित है. विकास के वर्तमान मॉडल से इनका शोषण हो रहा है. उन्हें भी अपने अधिकारों को जानना होगा और इसे पाने के लिए गोलबंद होना होगा.हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ केदार सिंह, उर्दू विभाग के अध्यक्ष डॉ अंबर खातून एवं राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे. इसे भी पढ़ें :गोड्डा">https://lagatar.in/godda-youth-dies-in-hospital-under-suspicious-circumstances/">गोड्डा

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झारखंडी लोकनृत्य ने मनमोहा

इससे पूर्व आचार्य विनोबा भावे के चित्र पर पुष्प अर्पण तथा दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. विभागीय प्राध्यापक डॉ मृत्युंजय प्रसाद ने स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया. कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विनीता बंकीरा और धन्यवाद ज्ञापन विभागाअध्यक्ष डॉ तनवीर यूनुस ने किया. अंत में विभाग के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में गुजराती एवं झारखंडी लोकनृत्य के साथ-साथ झारखंड के प्रमुख जनजातीय हस्तियों से संबंधित झांकी से उनकी उपलब्धियां को दर्शाया गया. कार्यक्रम में मानवविज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ जॉनी रूफीना तिर्की, डॉ सुनील दूबे, डॉ राजू राम, डॉ जया सिन्हा, डॉ सुषमा कुमारी, डॉ अर्चना धान, डॉ मनीषा समेत काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे. [wpse_comments_template]

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