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ग्रामीण युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने की योजना भी अधूरी

  • दो चरणों में कुल 14,195 खेल मैदान को विकसित करने का लक्ष्य था.
  • अब तक सिर्फ 6,983 खेल मैदान को विकसित करने का काम पूरा.
  • एक मैदान को विकसित करने पर 3.92 लाख रुपये के खर्च.
  • अब तक लक्ष्य के मुकाबले 50 योजना को पूरा किया जा सका.

Ranchi :  राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान को विकसित करने की योजना भी अधूरी है. सरकार ने खेल के मैदान को विकसित करने की योजना वर्ष 2020-21 में शुरू की थी. लेकिन अब तक लक्ष्य के मुकाबले 50 योजना को पूरा किया जा सका है. इस योजना का नाम वीर शहीद पोटो हो के नाम पर रखा गया है. 


सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया था. शहीद पोटो हो खेल विकास योजना के तहत एक मैदान को विकसित करने पर 3.92 लाख रुपये के खर्च का अनुमान किया गया था. योजना के तहत पंयाचतों में खेल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मैदान को समतल करने के अलावा एक चेंजिंग रूम और दो शौचालयों का निर्माण किया जाना है.


खेल मैदान को विकसित करने की इस योजना को मनरेगा व अन्य विभागों के सहयोग से पूरा करना था. सरकार द्वारा किये गये फैसले के आलोक में  मैदान के विकास की अनुमानित लागत 3.92 लाख रुपये में मैदान को समतल करने पर मनरेगा से 2.39 लाख रुपये खर्च किया जाना है. इसके अलावा दूसरे विभाग के सहयोग से 96 हजार 647 रुपये की लागत पर एक चेंजिंग रूम और 55 हजार 874 रुपये की लागत पर दो शौचालयों का निर्माण कराया जाना था.


सरकार ने योजना के पहले चरण (2020-21) 4,196 खेल मैदान को विकसित करने की योजना स्वीकृत की. दूसरे चरण (2023-24) के दौरान 10 हजार खेल मैदान को विकसित करने की योजना स्वीकृत की गयी. इन दो चरणों में कुल 14,195 खेल मैदान को विकसित करने की योजना स्वीकृत की गयी. हालांकि 2025-26 में अब तक सिर्फ 6,983 खेल मैदान को विकसित करने का काम पूरा किया जा सका है. यह निर्धारित लक्ष्य का 49.19 प्रतिशत है. राज्य के 14 जिलों में लक्ष्य के मुकाबले 50 प्रतिशत के मैदानों का विकास हो पाया है.

 

 खेल के लिए मैदान बनाने की योजना की स्थिति

 

जिला लक्ष्य पूर्ण उपलब्धि
रांची 1024 767 74.90%
गोड्डा 681 447 65.64%
धनबाद 538 352 65.43%
कोडरमा 356 232 65.17%
चतरा 523 327 62.52%
जामताड़ा 406 238 58.62%
खूंटी 310 181 58.39%
पश्चिम सिंहभूम 739 425 57.51%
लोहरदगा 227 126 55.51%
पाकुड़ 434 218 50.23%
दुमका 708 352 49.72 %
लातेहार 395 192 48.61%
बोकारो 668 329 47.82%
गढ़वा 650 291 44.77%
गुमला 547 243 44.42%
देवघर 667 281 42.13%
पूर्वी सिंहभूम 618 260 42.07%
रामगढ़ 364 147 40.38%
हजारीबाग 847 337 39.79%
पलामू 949 376 39.62%
गिरिडीह 1197 454 37.93%
सरायकेला 441 164 37.19%
सिमडेगा 331 114 34.44%
साहिबगंज 557 130 23.34%

 

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