Ranchi : झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने सदन में झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविका-सहायिका का मुद्दा उठाया. उन्होंने तारांकित प्रश्न के माध्यम से पूछा कि क्या वे सरकारी कर्मचारी नहीं है. इस पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने जवाब देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका सरकारी कर्मचारी नहीं है, बल्कि वे मानदेय पर कार्यरत कर्मचारी है. जिसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
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कई जिलों के पोषण सखी को 9 महीने से मानदेय नहीं मिला
सीता सोरेन ने पूछा कि 2016- 2021 तक सेविका-सहायिका का बकाया व पोषाहार की राशि भुगतान कर दिया गया है. वहीं कोडरमा, धनबाद, चतरा, गिरिडीह के पोषण सखी को 9 महीने से मानदेय नहीं मिला है. इस पर विभाग ने कहा है कि 2016 से 2021 तक आंगनबाड़ी सेविका सहायिका की बकाया भुगतान की स्थिति विशेष परिस्थितियों को छोड़कर नगण्य हैं. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा अतिरिक्त आंगनबाड़ी पोषण सखी का मानदेय बंद कर दिया गया है. इस स्थिति में पोषण सखी के मानदेय की कार्रवाई लंबित है.
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