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झारखंड की आमदनी में माइनिंग क्षेत्र  की भागीदारी लगातार  घटती जा रही है

Ranchi :  झारखंड खनिज प्रधान राज्य है. लेकिन राज्य की आमदनी (राजस्व) में माइनिंग क्षेत्र का योगदान लगातार कम होता जा रहा है. महालेखाकार ने पिछले पांच वर्षों के दौरान राज्य का बजट अनुमान और उसमें माइनिंग क्षेत्र से मिले राजस्व के विश्लेषण के बाद यह नतीजा निकाला है.


महालेखाकर ने ऑडिट के दौरान राज्य के राजस्व (टैक्स और नन-टैक्स) में माइनिंग क्षेत्र के योगदान की वास्तविक स्थिति के आकलन के लिए वित्तीय वर्ष 2017-22 तक के बजट के आंकड़ों को आधार बनाया. सरकार ने 2017-18 के बजट में राजस्व (टैक्स व नन-टैक्स) के रूप में कुल 20200.11 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान किया था. इसमें से 8508.33 करोड़ रुपये माइनिंग क्षेत्र से मिलने का अनुमान किया था. यानी राज्य के राजस्व में माइनिंग क्षेत्र से 42.12 प्रतिशत के योगदान का अनुमान किया गया था.

 

महालेखाकार ने वित्तीय वर्ष के अंत में माइनिंग क्षेत्र से हुई वास्तविक आमदनी का विश्लेषण करने के बाद पाया कि सरकार को अपने राजस्व में माइनिंग क्षेत्र से किये गये 42.12 प्रतिशत के बदले सिर्फ 29.41 प्रतिशत का ही योगदान मिला है. क्योंकि माइनिंग क्षेत्र से 8508.33 करोड़ रुपये बदले सरकार को सिर्फ 5941.36 करोड़ रुपये ही मिला था. इसके बाद के वित्तीय वर्षों में भी राज्य के राजस्व में माइनिंग के योगदान में लगातार गिरावट दर्ज की गयी.

 

महालेखाकार ने ऑडिट के दौरान 2017-22 तक के आंकड़ों के विश्लेषण के दौरान सरकार के राजस्व में माइनिंग के योगदान में लगातार गिरावट पायी. ऑडिट ने पाया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य के राजस्व में माइनिंग का योगदान 29.41 प्रतिशत था. इसके मुकाबले यह वित्तिय वर्ष 2020-21 में गिर कर 20.51 प्रतिशत तक पहुंच गया. वित्तीय वर्ष 2021-22 में इसमें आंशिक सुधार हुआ और राज्य के राजस्व में माइनिंग का योगदान 20.51 प्रतिशत से बढ़ कर 24.06 प्रतिशत हो गया. लेकिन 2017-18 के राजस्व में माइनिंग क्षेत्र के 29.41 प्रतिशत से काफी कम रहा.

 

राज्य के राजस्व में माइनिंग के योगदान का अनुमान व वास्तविक स्थिति

वित्तीय वर्ष 

माइनिंग से आमदनी का अनुमान

 

 माइनिंग से वास्तविक अमदनी राज्य का राजस्व   राज्य के राजस्व में माइनिंग का योगदान
2017-18

8508.33 करोड़

5941.36 करोड़ 20200.11 करोड़ 29.41%
2018-19

7161.20 करोड़

5934.61 करोड़ 23010.22 करोड़ 25.79%

2019-20

7682.18 करोड़

5461.36 करोड़ 25521.43 करोड़ 21.40%
2020-21

8171.00 करोड़

5012.47 करोड़ 24444.09 करोड़ 20.51%
2021-22

7332.55 करोड़

7535.00 करोड़ 31321.00 करोड़ 24.06 %

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