Arun Kumar Singh
Medininagar: पलामू जिले के छतरपुर नगर पंचायत क्षेत्र में नव निर्मित 5 से अधिक श्मशान घाट पर बनाये गये शेड उपयोग के पूर्व ही क्षतिग्रस्त हो गये हैं. परिकल्पना थी कि बारिश के दिनों में इन शेड के नीचे मृतात्माओं की अंतिम क्रिया करने में सहूलियत होगी, लेकिन निर्माण के महज तीन महीने बाद ही इन शेड हवा में उड़ गए हैं और इनके निर्माण में बरती गयी अनियमितताओं की कलई खुल गयी है. छतरपुर नगर पंचायत के रामगढ़ केवाल पर झुमेलवा नदी, मन्देया नदी के तट पर, करमा कला डैम के समीप, भैरवाडीह आदि जगहों पर बने श्मशान घाट पर शेड की छत या तो हवा में उड़ गयी है अथवा वे शेड अन्य जगहों से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. अर्जुनडीह स्थित श्मशान घाट पर निर्मित शेड पर एक भी बॉडी नहीं जला है. फिर भी यह क्षतिग्रस्त हो चुका है.
अधिकतर शेड निर्माण में बरती गयी अनियमितता
अधिकतर शमशान घाट शेड का निर्माण जमीन की सतह से ही कर दिया गया है. इनके निर्माण में बेहद घटिया किस्म की सामग्री लगायी गयी. प्राक्कलन की विशिष्टताओं को ताक पर रखा गया. चहेते ठेकेदारों के लिए नगर पंचायत महकमा ने आंख-कान बंद कर लिये. नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के पूर्व प्रत्याशी चुनमुन सहित कई ग्रामीणों ने उक्त शेडों में बरती गयी अनियमितता को लेकर जांच और कार्रवाई की मांग भी की थी, पर हुआ अबतक कुछ भी नहीं. वैसे भी, छतरपुर नगर पंचायत की योजनाओं में लूट का पुराना सिलसिला वर्षों से कायम है.
कनीय अभियंता को वस्तुस्थिति की नहीं है जानकारी
नगर पंचायत विभाग कैसे काम करता है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संबद्ध बातचीत में नगर पंचायत कार्यालय में पदस्थापित कनीय अभियंता पंकज कुमार ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि नगर पंचायत क्षेत्र में बने 5 श्मशान घाट पर शेड क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि वे अभी बाहर हैं, छतरपुर आकर देखते हैं. उन्होंने कहा कि 9-9 लाख की प्राक्कलित राशि से 6 स्थानों पर शमशान घाटों का निर्माण कराया गया है. इनमें दो के क्षतिग्रस्त होने की शिकायत आयी थी, जिसके आलोक में मरम्मत के लिए संबद्ध संवेदक को लिखा गया है.
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