Simdega: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, सिमडेगा द्वारा जिला स्तरीय खरीफ़ सह मिलेट्स कर्मशाला का आयोजन जिला कृषि कार्यालय परिसर में किया गया. उपायुक्त अजय कुमार सिंह सहित जिप सदस्य सोनी पैकरा, जिप सदस्य शांति बाला केरकेट्टा, नाबार्ड एवं केवीके के वैज्ञानिक संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कर्मशाला काशुभारंभ किया. कार्यक्रम में उपायुक्त सहित सभी अतिथियों को जिला कृषि पदाधिकारी मुनेंद्र दास ने पौधा देकर स्वागत किया. कर्मशाला को संबोधित करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी मुनेंद्र ने जिला में कृषि के विकास कार्यों से अवगत कराया. उपायुक्त ने कहा कि सिमडेगा जिला में लगभग 28% भूमि जो वन से जंगल से आच्छादित है.
कृषि योग्य भूमि 40-42 प्रतिशत है
डीसी ने कहा कि कृषि योग्य भूमि 40-42 प्रतिशत है. बाकी नदी, पहाड़, रोड़ आदि है. ये जो कृषि योग्य भूमि है जो एक फसलीय है. यहां वर्षा आधारित कृषि है. अब इसमें जो 42 प्रतिशत भूमि है. उसमें जो सीमांत कृषक हैं, जो लगभग 60% हैं, एक हेक्टेयर से कम भूमि में कृषि करने वाले तथा लघु कृषक सीमांत 18 प्रतिशत है. बड़े कृषक तो यहां बहुत कम हैं. उपायुक्त ने कहा कि इस जिले में कृषि कार्य लिए यहां की मिट्टी बहुत अच्छी है. कहा कि मैं जब क्षेत्र भ्रमण करता हूं तो बाजार में जाकर मैंने देखा कि सिमडेगा जिले में मूंगफली की खेती बेहतर गुणवत्ता की होती है. बहुत अधिक संख्या में यहां हेक्टेयर में उत्पादन किया जाता है. बाजार में मैंने एक व्यापारी से पूछा तो उन्होंने बताया कि 120 रुपये पैईला, जो कि अन्य मार्केट से बहुत ही कम कीमत था. मंच का संचालन आत्मा विभाग के सौरभ द्वारा किया गया. मौके पर जिला कृषि कार्यालय के कर्मी गण एवं जिले कृषक उपस्थित थे.
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