Ranchi: राज्य सरकार ने झारखंड प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त अधिकारी पूनम कुमारी झा को दिए गए दंड को बरकरार रखने का फैसला लिया है. उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने अंचल अधिकारी ठाकुरगंज के पद पर रहते हुए अभिलेख खोलकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार, पटना के एक पत्र को आधार मानकर चाय की खेती के लिए 8 आवेदकों के साथ सरकारी भूमि की अस्थायी लीज बंदोबस्ती के लिए अनुशंसा की थी.
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क्या है आरोप
सरकार का मानना है कि इस कार्य के लिए वे सक्षम पदाधिकारी नहीं थीं. इस मामले में राजस्व भूमि सुधार विभाग के गाइडलाइन का भी उल्लंघन किया गया. यह आरोप है कि 1995 में उद्योग इकाई की स्थापना के लिए पांच एकड़ भूमि चिंहित की गयी थी.
लेकिन अंचल अधिकारी ने उक्त जमीन व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए चाय की खेती के लिए लीज बंदोबस्ती की अनुशंसा की. इसके अलावा गैर मजरूआ जमीन की बंदोबस्ती चाय की खेती के लिए करने सहित कई आरोप थे.
क्या है सरकार का आदेश
मामले पर जांच हुई और उनकी तीन वेतन वृद्धि संचयात्मक प्रभाव से रोकने का दंड दिया गया. इस पर उन्होंने कोर्ट की शरण ली, लेकिन वहां से पारित आदेश की समीक्षा के बाद भी उक्त दंड को यथावत रखने का फैसला लिया गया है. इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है.
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