20 दिसंबर को राजभवन के समक्ष महाधरना
बैठक को संबोधित करते हुए करमा उरांव ने कहा कि झारखंड सरकार स्थानीय एवं नियोजन नीति पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं ले रही है. इसलिए निर्णय हुआ कि 20 दिसंबर को राजभवन के समक्ष महाधरना आयोजित किया जाएगा और इसके साथ ही राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा. बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का रुख स्थानीयों के हक अधिकार के पक्ष में नहीं है, और यह सरकार बाहरियों के हितों की रक्षा में ज्यादा ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि सोना सोबरन साड़ी धोती वितरण योजना के लिए आपूर्ति का कार्य मुंबई के व्यापारी को दिया गया है. जबकि इस कार्य को यहां के बुनकरों झार क्राफ्ट एवं अन्य स्थानीय व्यापारियों को दिया जाना चाहिए था. इसे भी पढ़ें- पूर्वांचल">https://lagatar.in/touch-down-of-miraj-sukhoi-jaguar-on-purvanchal-express-way-air-force-showcasing-power/">पूर्वांचलएक्सप्रेस-वे पर वायुसेना का शक्ति प्रदर्शन, मिराज-सुखोई-जगुआर ने किया टच डाउन
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